डीआईजी-डीकेआर, डीसी, एसएसपी ने चंडी माता जी के भवन में मत्था टेका, व्यवस्थाओं और सुरक्षा परिदृश्य का लिया जायजा

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डीआईजी-डीकेआर, डीसी, एसएसपी ने चंडी माता जी के भवन में मत्था टेका, व्यवस्थाओं और सुरक्षा परिदृश्य का लिया जायजा


डीआईजी-डीकेआर, डीसी, एसएसपी ने चंडी माता जी के भवन में मत्था टेका, व्यवस्थाओं और सुरक्षा परिदृश्य का लिया जायजा


किश्तवाड़, 25 जुलाई (हि.स.)। वार्षिक श्री मचैल यात्रा गुरूवार को धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ शुरू हुई।पहले दिन उप महानिरीक्षक (डीआईजी) डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज श्रीधर पाटिल, उपायुक्त किश्तवाड़ डॉ. देवांश यादव, एसएसपी किश्तवाड़ अब्दुल कयूम, एडीसी किश्तवाड़ पवन कोतवाल, सीईओ केडीए डॉ. ऋषि शर्मा, एसीडी किश्तवाड़ फुलैल सिंह, एसडीएम पद्दर डॉ. अमित कुमार, डीडीसी पद्दर हरि कृष्ण चौहान, एओ डीसी कार्यालय सतिंदर कुमार, बीएमओ डॉ. अनिल शर्मा, तहसीलदार मनजीत कुमार, बीडीओ पद्दर सुमित कुमार, और मचैल यात्रा सेल के अन्य अधिकारी, स्थानीय पीआरआई, प्रमुख सामाजिक-धार्मिक व्यक्तित्व और सैकड़ों भक्तों ने श्री चंडी माता जी के भवन में मत्था टेका। उन्होंने किश्तवाड़ जिले और पूरे केंद्र शासित प्रदेश में शांति, समृद्धि और विकास के लिए प्रार्थना की।

इस बीच डीआईजी डीकेआर ने डीसी किश्तवाड़ और एसएसपी किश्तवाड़ के साथ मिलकर चल रही यात्रा के लिए किए गए रसद और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और तीर्थयात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय नागरिक और पुलिस प्रशासन को आवश्यक निर्देश जारी किए।

तीर्थयात्रियों से बातचीत करते हुए डीआईजी, डीसी और एसएसपी ने आश्वासन दिया कि प्रशासन ने परेशानी मुक्त और सुरक्षित तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक नागरिक और सुरक्षा उपाय किए हैं।

उपायुक्त ने यात्रियों की सुविधा के लिए इस वर्ष की गई विभिन्न व्यवस्थाओं से अवगत कराया। इनमें भवन में टेंट सिटी के अलावा चंडी माता भवन में यात्री सराय के तहत पर्याप्त आवास और भोजन की सुविधा प्रदान करना और यात्री भवन और सफायर गेस्ट हाउस में आवास सुविधाएं और गुलाबगढ़ में यात्रियों के लिए खुले टेंट हाउस शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष मचैल भवन तक की पैदल दूरी कम कर दी गई है, क्योंकि पीएमजीएसवाई अधिकारियों और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से चशोती तक मोटर योग्य सड़क खोल दी गई है। अब यात्रियों को श्री चंडी माता के मंदिर तक पहुंचने के लिए केवल 3-4 घंटे की पैदल यात्रा करनी होगी। डीसी ने यात्रियों की सुविधा के लिए बिजली और पानी की आपूर्ति, सफाई और स्वच्छता, विभिन्न बिंदुओं पर चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ हेलीकॉप्टर सेवाओं की उपलब्धता सहित विभिन्न व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी दी। श्रद्धालुओं द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर लंगर लगाए गए हैं, इसके अलावा स्थानीय उद्यमियों द्वारा तीर्थयात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय खाद्य स्टॉल और होमस्टे सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसी तरह भवन और रास्ते में मोबाइल फोन कनेक्टिविटी का भी ध्यान रखा गया है।

प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान किसी भी प्रश्न का समाधान करने या सहायता प्रदान करने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। तीर्थयात्री इस समर्पित सुविधा के माध्यम से आसानी से प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही यात्रियों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए पर्याप्त यातायात और परिवहन योजना बनाई गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता / बलवान सिंह

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