साधारण ढंग से मनाई गई भगवान श्री परशुराम जयंती, 2 मिनट का मौन रखकर पहलगाम शहीदों को दी श्रद्धांजलि, शोभा यात्रा रद्द
कठुआ 29 अप्रैल (हि.स.)। श्री ब्राह्मण सभा कठुआ में भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव बीते 23 अप्रैल से ब्राह्मण सभा कठुआ प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा के साथ शुरू हुआ था जोकि मंगलवार को भगवान श्री परशुराम जयंती के उपलक्ष पर पूजा अर्चना हवन के साथ संपन्न हुआ।
इससे पहले पहलगाम में शहीद हुए पर्यटकों की याद में 2 मिनट का मन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
बता दें कि पूरा देश इस वक्त दुख की घड़ी से गुजर रहा है और इसी के चलते श्री ब्राह्मण सभा कठुआ ने भी परशुराम जयंती के उपलक्ष पर हर वर्ष निकाले जाने वाली शोभा यात्रा को रद्द कर सिर्फ ब्राह्मण सभा कठुआ परिसर में ही इस कार्यक्रम को सीमित रखा। मंगलवार सुबह 9रू00 बजे के करीब ब्राह्मण सभा कठुआ परिसर में पूजा अर्चना हुई, इसके बाद हवन का आयोजन किया गया और बाद में कलश को प्राचीन बावलियों में विसर्जित किया गया। बाद में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर डीसी कठुआ डॉ राकेश मिन्हास, तहसीलदार कठुआ विक्रम शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में पहुंचे। ब्राह्मण सभा कठुआ के सदस्यों ने डीसी कठुआ और तहसीलदार कठुआ को पगड़ी पहनकर भगवान परशुराम जी की समृद्धि चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। वहीं डीसी कठुआ ने इस कार्यक्रम में उपस्थित संगत को संबोधित करते हुए भगवान श्री परशुराम जयंती के उपलक्ष पर सभी कठुआ वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी और इसी के साथ इस दुख की घड़ी में उन्होंने पहलगाम के शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को हर वर्ष बढ़-चढ़कर मनाया जाता था लेकिन पहलगाम त्रासदी के चलते इस बार इस कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया है। वहीं मंच से डीसी कठुआ ने जिला सचिवालय के समीप भगवान श्री परशुराम चैक को जल्द से जल्द बनाने की घोषण की। जिसके लिए ब्राह्मण सभा ने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। वहीं इस कार्यक्रम के अंत में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया और सात दिवसीय भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव एक साधारण ढंग से संपन्न हुआ।
श्री ब्राह्मण सभा कठुआ के अध्यक्ष डॉ दुष्यंत उब्बट सहित अन्य सदस्यों ने बताया कि पहलगाम हमले में शहीद हुए देश के विभिन्न विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटकों के दुख में पूरा देश दुख की घड़ी से गुजर रहा है। इसके चलते पूरे देश के साथ ब्राह्मण समाज के लोग भी खड़े है और उन्होंने भी निर्णय लिया कि हर वर्ष परशुराम जयंती के उपलक्ष पर निकल जाने वाली शोभायात्रा को रद्द करके इस कार्यक्रम को सिर्फ ब्राह्मण सभा परिसर तक ही सीमित रखा गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया

