कठुआ विधायक ने विधानसभा में कठुआ क्षेत्र के विभिन्न मुद्दे उठाए

कठुआ 13 मार्च (हि.स.)। कठुआ विधायक डॉ. भारत भूषण ने गुरूवार को विधानसभा में कठुआ विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मुद्दे उठाए। जिसमें स्वास्थ्य, समाज कल्याण और शिक्षा विभागों के अनुदानों पर चर्चा करते हुए डॉ. भारत भूषण ने मेडिकल कॉलेज कठुआ में डॉक्टरों, विशेषज्ञ डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल की कमी पर चिंता जताई, जहां कार्डियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट और प्लास्टिक सर्जन नहीं हैं।
इसी प्रकार मेडिकल ऑफिसर के 22 स्वीकृत पदों में से केवल दो ही कार्यरत हैं। उप-जिला अस्पताल नगरी के बारे में बोलते हुए डॉ. भारत भूषण ने अध्यक्ष को बताया कि सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद रिक्त हैं। उन्होंने सरकार से एसडीएच नगरी में प्राथमिकता के आधार पर डॉक्टरों की नियुक्ति करने को कहा।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर को अपग्रेड करने की आवश्यकता पर बल देते हुए डॉ भारत भूषण ने कहा कि कोविड-19 के दौरान पीएचसी लखनपुर के कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब लखनपुर में आने-जाने वाले सभी यात्रियों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की जांच की गई थी और पीएचसी लखनपुर को अपग्रेड करने से स्थानीय लोगों और हर साल जम्मू-कश्मीर आने वाले करोड़ों आगंतुकों को लाभ होगा। उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल कठुआ में डॉक्टर और पैरामेडिक्स उपलब्ध कराने के लिए भी कहा। समाज कल्याण विभाग के अनुदानों पर बोलते हुए विधायक कठुआ ने समाज कल्याण विभाग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया, जो नशा मुक्त भारत अभियान के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग है।
उन्होंने हमारे युवाओं को नशीली दवाओं के खतरे से बचाने के लिए समाज कल्याण विभाग, पुलिस और अन्य हितधारकों द्वारा सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने सरकार से आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण लागू करने को कहा क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय और जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने इसके लिए रास्ता साफ कर दिया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के मानदेय को बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। इसी प्रकार शिक्षा क्षेत्र के अनुदान पर बोलते हुए उन्होंने हाई स्कूल दिलवां और हाई स्कूल लखनपुर को उच्चतर माध्यमिक स्तर तक अपग्रेड करने की वकालत की।
उन्होंने सरकार से अंतर जिला कर्मचारियों और व्याख्याताओं मास्टर्स के लिए स्थानांतरण नीति बनाने को कहा जो डोडा, रामबन, किश्तवाड़ और पुंछ में सेवा कर रहे हैं और सांबा, जम्मू और कठुआ से हैं। वे पिछले 10-12 वर्षों से वहां सेवा कर रहे हैं और उन्हें गृह जिलों में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया