जीडीसी हीरानगर ने इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप स्टार्ट-अप आईपीआर पर इम्पैक्ट लेक्चर का आयोजन किया

जीडीसी हीरानगर ने इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप स्टार्ट-अप आईपीआर पर इम्पैक्ट लेक्चर का आयोजन किया
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जीडीसी हीरानगर ने इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप स्टार्ट-अप आईपीआर पर इम्पैक्ट लेक्चर का आयोजन किया


कठुआ 27 मई (हि.स.)। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज हीरानगर के इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल ने इनोवेशन सेल शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप स्टार्ट-अप आईपीआर पर इम्पैक्ट लेक्चर का आयोजन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन और उसके बाद सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम के लिए संसाधन व्यक्ति प्रोफेसर डॉ. आशुतोष वशिष्ठ अध्यक्ष (आईआईसी) और सीईओ, टीबीआईसी, एसएमवीडीयू, स्कूल ऑफ बिजनेस, प्रबंधन संकाय, श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय कटरा और डॉ. यथेष्ठ आनंद समन्वयक आईएमपीवी और स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग एसएमवीडीयू के प्रमुख थे। अपने उद्घाटन भाषण में कॉलेज की प्राचार्या डॉ. प्रज्ञा खन्ना ने संसाधन व्यक्तियों का स्वागत किया और वर्तमान परिदृश्य में स्टार्ट-अप और उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को इन क्षेत्रों में भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न योजनाओं और पहलों से भी अवगत कराया। श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय कटरा के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष वशिष्ठ ने अपने आमंत्रित भाषण में वाहक अवसर के रूप में उद्यमिता, आईआईसी के उद्देश्य, भारतीय स्टार्ट-अप परिदृश्य के तहत भारत सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में अपने विचार साझा किए। डॉ. यथेष्ठ आनंद ने भी दर्शकों को आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) के बारे में शिक्षित किया। उन्होंने पेटेंट, डिजाइन, कॉपी राइट, ट्रेडमार्क आदि पर विस्तृत नोट्स दिए। अपने व्याख्यान में उन्होंने छात्रों को स्टार्ट-अप, उद्यमिता का रास्ता चुनने के लिए प्रेरित किया ताकि वे भविष्य में रोजगार पाने में सक्षम हो सकें।

कार्यक्रम में विभिन्न सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इंटरैक्टिव सत्र में दोनों संसाधन व्यक्तियों ने छात्रों और संकाय सदस्यों द्वारा उठाए गए विभिन्न संदेहों और प्रश्नों का भी समाधान किया। अतिथियों द्वारा विद्यार्थियों के बीच प्रमाण पत्र भी वितरित किये गये। कार्यक्रम की कार्यवाही का संचालन डॉ रजनी बाला और प्रोफेसर शापिया शमीम ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। अंत में प्रोफेसर राकेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

हिन्दुस्थान समाचार/सचिन//बलवान

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