कठुआ में शहीदों की याद में भव्य कार्यक्रम आयोजित

कठुआ में शहीदों की याद में भव्य कार्यक्रम आयोजित
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कठुआ में शहीदों की याद में भव्य कार्यक्रम आयोजित


कठुआ 03 मार्च (हि.स.)। कठुआ में एक बार फिर से शहीदों की याद में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में एकत्रित हुए लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसी बीच शहीदों के 118 परिवारों को आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित किया गया।

रविवार को शहीदों की याद में पूर्व मंत्री एवं डोगरा स्वाभिमान संगठन के संस्थापक चौधरी लाल सिंह ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इससे पहले कठुआ शहर के प्रवेश द्वार काली बाड़ी में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए और शहीदों की याद में एक रैली का आयोजन किया। रैली में चौधरी लाल सिंह के साथ हजारों लोगों ने कालीबाड़ी से पैदल रैली निकाली। रैली में लोगों ने वीर जवान अमर रहे, शहीद जवान अमर रहे के नारे लगाए। करीब 3 किलोमीटर पैदल रैली में जगह-जगह लोगों ने रैली का स्वागत किया। कठुआ के मुख्य शहीदी चौक पर पहुंचने पर शहीदी चौक में स्थित शहीदों के स्मारक पर चौधरी लाल सिंह के साथ उनकी धर्मपत्नी एवं अन्य लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन किया। बाद में कठुआ के रामलीला मैदान में एक जनसभा का आयोजन किया गया। जिसमें चौधरी लाल सिंह ने शहीदों की गैलरी में जाकर शहीदों को नमन किया और जनता को संबोधित किया। जनता को संबोधित करते हुए चौधरी लाल सिंह ने शहीदों के सम्मान में आए लोगों एवं शहीदों के परिवार वालों का आभार व्यक्त किया। सिंह ने कहा इन वीर जवानों के बलिदानों से ही आज हम सुखचैन की सांस ले रहे हैं और हमें इन्हें याद करना चाहिए। इसी बीच उन्होंने रसना मामले पर भी बात करते हुए कहा कि रसना मामले में उन्होंने बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म को लेकर आवाज बुलंद की थी और सीबीआई जांच की मांग रखी थी। लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि मेरी लोकप्रियता से परेशान कुछ लोगों ने उनके पीछे कई जांच एजेंसियों को लगा दिया। उन्होंने कहा कि लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। इसके बाद वहां के स्थानीय लोगों को रस नहीं आया और सभी एक मंच पर एकत्रित हुए और उन्होंने इसका विरोध किया। जिसके बाद केंद्र सरकारों ने उन्हें बुलाकर बातचीत कर हल करने का न्योता दिया। लेकिन जम्मू प्रांत के लोगों में एकता नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा के सभी डोगरों को एकत्रित होना होगा और तभी राज्य का दर्जा वापस मिलेगा। यह तभी संभव होगा जब सभी एकत्रित होंगे और आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने कहा की शहीदों के सम्मान में इस तरह के कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे। बाद में शहीद परिवारों को कंबल देकर उन्हें सम्मानित किया गया। इसी बीच कुछ शहीद परिवारों की आंखें नम हो गई, जिन्हें चौधरी लाल सिंह ने गले लगाकर हौसला दिया।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान

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