रामायण भारतीय संस्कृति का आदर्श ग्रन्थ है

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रामायण भारतीय संस्कृति का आदर्श ग्रन्थ है


कठुआ 23 जनवरी (हि.स.)। राजकीय महिला डिग्री कॉलेज कठुआ के संस्कृत विभाग ने आधुनिक युग में रामायण की प्रासंगिकता विषय पर सेमिनार का आयोजन किया।

जिसमें छात्राओं ने इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। मंच संचालन रेणु ने किया। धन्यवाद ज्ञापन रजनी द्वारा किया गया। इस मौके पर कालेज की प्रधानाचार्या डॉ इन्द्रजीत कौर ने अपने उद्बोधन में कहा कि रामायण के आदर्शों, नैतिक मूल्यों की आज के युग में बहुत आवश्यकता है, रामायण भारतीय संस्कृति का आदर्श ग्रन्थ है, रामायण का हर पात्र अपने आप में पूर्ण है। उन्होंने युवा पीढ़ी को रामायण का अनुसरण करने की सलाह दी। कार्यक्रम में तनु, सुषमा आदि छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त किये। संस्कृत विभाग अध्यक्ष डा वर्चस्काम शर्मा एवं डा. सुरेखा रानी की निगरानी में कार्यक्रम आयोजित किया गया जबकि डा. रोहित गुप्ता भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान

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