नशे को न कहें विषय पर वृत्तचित्रों की स्क्रीनिंग आयोजित

नशे को न कहें विषय पर वृत्तचित्रों की स्क्रीनिंग आयोजित
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नशे को न कहें विषय पर वृत्तचित्रों की स्क्रीनिंग आयोजित


कठुआ 08 मई (हि.स.)। विश्व रेड क्रॉस दिवस के अवसर पर सरकारी महिला डिग्री कॉलेज कठुआ के ड्रग डी-एडिक्शन साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सेल ने गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज कठुआ की एनएसएस इकाई के सहयोग से नशीले पदार्थों को न कहें विषय पर तीन वृत्तचित्रों की स्क्रीनिंग का आयोजन किया।

भारतीय रेड क्रॉस के कार्यक्रमों को चार मुख्य क्षेत्रों में बांटा गया है जिसमें मानवीय सिद्धांतों एवं मूल्यों को बढ़ावा देना, आपदा प्रतिक्रिया, आपदा तैयारी एवं समुदाय में स्वास्थ्य और देखभाल है। पुरा कार्यक्रम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सावी बहल के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। उद्घाटन भाषण के दौरान ड्रग डी-एडिक्शन साइकोलॉजिकल सेल की संयोजक डॉ. रेनू ने कहा कि शराब और नशीली दवाओं का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर बीमारी और समय से पहले होने वाली मौतों में योगदान देता है। यह कई सामाजिक आर्थिक परिणामों से जुड़ा है जैसे कमाई का नुकसान और घरेलू हिंसा। यह गरीब और अमीर, शहरी और ग्रामीण सभी पर लगभग एक ही तरह से अपना जादू डालता है। जबकि अमीर और शहरी पीड़ित इसे अपने अनुकूल तरीके से संभाल लेते हैं, ग्रामीण लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि नशामुक्ति का उपचार उनकी पहुंच में नहीं है। उन्हें तो इनके बारे में पता ही नहीं चलता।

उन्होंने कहा कि नशाखोरी आजकल सबसे आम बात हो गई है और कई युवा नशे की लत में पड़कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। वे हमारे युवाओं का जीवन बर्बाद कर रहे हैं और उनके भविष्य को घोर अंधकार में डाल रहे हैं। नशीली दवाओं के प्रयोग से उनका जीवन असुरक्षित और विनाश की ओर अग्रसर हो रहा है। इसलिए हमारे युवाओं में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें इसकी चपेट में आने से रोकना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। तीन वृत्तचित्रों का प्रदर्शन छात्रों को मादक द्रव्यों के उपयोग की खतरनाक स्थिति, नशे की लत के बाद उनके और उनके परिवार के सामने आने वाली समस्याओं और कैसे यह लत उम्र, लिंग और वित्तीय स्थिति के बावजूद सभी को प्रभावित करती है के बारे में जागरूक करने पर केंद्रित थी। वृत्तचित्रों में पदार्थ के उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि और समाज, विशेष रूप से युवाओं पर उनके उपभोग के विनाशकारी प्रभाव के पीछे के कारणों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। डॉ सोनिका जसरोटिया, डॉ सुरेखा रानी और श्री गोपाल शर्मा और सेल के सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जबकि कार्यक्रम में उपस्थित अन्य संकाय सदस्य में सचिन जीत सिंह, सुरभि गुप्ता, डॉ. रितु कुमार शर्मा, डॉ. गुरप्रीत कौर और डॉ. अनुपम मनुहार थे।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान

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