शिक्षा का इतिहास विषय पर एक व्याख्यान आयोजित, राष्ट्र के विकास के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करने की अपील की

शिक्षा का इतिहास विषय पर एक व्याख्यान आयोजित, राष्ट्र के विकास के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करने की अपील की
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शिक्षा का इतिहास विषय पर एक व्याख्यान आयोजित, राष्ट्र के विकास के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करने की अपील की


कठुआ 31 जनवरी (हि.स.)। छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए सरकारी डिग्री कॉलेज कठुआ इन्टर-डिसिप्लिनरी व्याख्यानों की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। इसी पहल के तहत बुधवार को शिक्षा विभाग ने शिक्षा का इतिहास विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. राम सिंह के औपचारिक स्वागत भाषण से हुई। व्याख्यान रिसोर्स पर्सन प्रोफेसर मनमोहन सिंह इतिहास विभाग जीडीसी कठुआ द्वारा दिया गया। अपने व्याख्यान में उन्होंने प्राचीन काल से लेकर आजादी के बाद के समय तक की शैक्षिक परंपरा के इतिहास पर प्रकाश डाला, जिसमें नई शिक्षा नीति भी शामिल है। उन्होंने विद्यार्थियों को समय-समय पर शैक्षणिक व्यवस्था में आये बदलावों से अवगत कराया। उन्होंने शैक्षिक व्यवस्था की स्थापना में वैदिक लोगों, मध्यकालीन शासकों और अंग्रेजों के योगदान को विस्तार से बताया। उन्होंने भारतीय समाज में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में शिक्षा के क्षेत्र को व्यापक बनाने में आजादी के बाद की सरकारों के योगदान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से अपने ज्ञान का उपयोग समाज और राष्ट्र के विकास के लिए करने की भी अपील की। कार्यक्रम प्रोफेसर शीराज अहमद के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त हुआ। कार्यक्रम में लगभग 110 विद्यार्थियों ने भाग लिया। व्याख्यान का आयोजन प्रिंसिपल प्रोफेसर सीमा मीर के संरक्षण और शिक्षा विभाग के प्रमुख जीडीसी कठुआ की देखरेख में किया गया था।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान

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