बलिदानी पीएसआई दीपक शर्मा की मौत का जिम्मेवार कौन?
कठुआ 03 अप्रैल (हि.स.)। कठुआ जीएमसी गोलीकांड में बलिदान हुए पीएसआई दीपक शर्मा के बलिदान को लेकर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। उनके पार्थिव शरीर को पुलिस सम्मान के साथ उनके पैतृक गाँव भेजा गया जहाँ पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन हरेक का एक ही सवाल है कि आखिर दीपक शर्मा कि इस दर्दनाक मौत का ज़िम्मेवार कौन है?
आदर्श आचार संहिता लागू है, जिला प्रशासन द्वारा 80 के क़रीब प्रवर्तन टीमें बनायी गई है जो ज़िलेभर में नाके लगाकर अवैध गतिविधियों पर नज़र रख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन के साथ साथ पुलिस प्रशासन की भी नाकाबंदी चारों ओर है। लेकिन उसके बावजूद भी पुलिस ने अपना एक शूरवीर खो दिया। जिसे लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान हैं। पहला, अगर पुलिस के पास गैंगस्टर की कठुआ पहुँचने की पुख़्ता सूचना थी तो उससे पहले जगह-जगह नाकाबंदी क्यूं नहीं की गई। 80 के करीब जिलाभर में प्रवर्तन टीमें नाका लगाकर अवैध गतिविधियों पर नज़र रख रहे हैं, लेकिन गैंगस्टर पर नजर नहीं पड़ी। जब गैंगस्टर ने जीएमसी में प्रवेश किया तो उससे पहले कठुआ पुलिस ने पुख़्ता इंतजाम क्यूं नहीं किए, पुलिस कर्मियों की तैनाती क्यों नहीं बढ़ाई गई। जबकि एनकाउंटर होने के बाद सैकड़ों पुलिस कर्मी जीएमसी कठुआ पहुचं गए। एैसे कई सवाल लोगों के ज़हन में हैं। अगर पुलिस के पास गैंगस्टर की पुख़्ता सूचना थी तो उन्हें सभी नाकों को अलर्ट करना चाहिए था, अगर नाकों से बच कर निकल गया तो जीएमसी परिसर में पुलिस का पुख़्ता इंतज़ाम होना चाहिए था, घेराबँधी पूरी तरह से होनी चाहिए थी और पुलिस बल की तैनाती को बढ़ाना चाहिए था। लेकिन शायद पुलिस ने गैंगस्टर को अंडरएस्टीमेट लिया जिसकी वजह से पुलिस को अपना एक जवान खोना पड़ा।
हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान
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