पीएम विश्वकर्मा योजना सरकार की दूरदर्शी पहल, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर केंद्रित-डीआईसी कठुआ

पीएम विश्वकर्मा योजना सरकार की दूरदर्शी पहल, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर केंद्रित-डीआईसी कठुआ
WhatsApp Channel Join Now


पीएम विश्वकर्मा योजना सरकार की दूरदर्शी पहल, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर केंद्रित-डीआईसी कठुआ


कठुआ, 20 दिसंबर (हि.स.)। जिला उद्योग केंद्र कठुआ के महाप्रबंधक द्वारा एक पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के भीतर प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना के निर्बाध कार्यान्वयन के लिए व्यापक दायरे पर प्रकाश डाला गया।

पत्रकारवार्ता के दौरान महाप्रबंधक डीआईसी कठुआ प्रेम सिंह चिब ने कठुआ में पीएमवीवाई के लिए आगे की राह पर उत्साहपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने जिले के कारीगरों, उद्यमियों और कुशल व्यक्तियों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए योजना द्वारा प्रदान की जाने वाली अपार संभावनाओं और अवसरों पर जोर दिया। महाप्रबंधक ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना हमारे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अपार संभावनाएं रखती है। हमने इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए आधार तैयार करने में उल्लेखनीय प्रगति देखी है, जिसका उद्देश्य हमारे कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल और आजीविका को बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि कि स्थानीय कारीगरों, उद्योग प्रतिनिधियों और प्रशासनिक निकायों सहित सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण को समाहित किया गया। जिसमें यह योजना 1 लाख रुपये (18 महीने के पुनर्भुगतान के लिए पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (30 महीने के पुनर्भुगतान के लिए दूसरी किश्त) के संपार्श्विक-मुक्त उद्यम विकास ऋण प्रदान करती है। सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा भुगतान की जाने वाली 8 प्रतिशत की ब्याज छूट सीमा के साथ लाभार्थी से 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर ली जाएगी।

महाप्रबंधक ने अंत में एक सशक्त और समृद्ध समुदाय का मार्ग प्रशस्त करते हुए पीएमवीवाई के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ने की जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रासंगिक रूप से पीएम विश्वकर्मा योजना, सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जो कारीगरों, शिल्पकारों और पारंपरिक श्रमिकों के बीच कौशल विकास को बढ़ावा देने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। योजना के तहत कुशल श्रमिकों को सशक्त बनाने और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए 18 विभिन्न व्यापारों में लगे पारंपरिक उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार संपर्क प्रदान करने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story