पीसीपीएनडीटी अधिनियम संबंधित कानूनों पर हुई चर्चा, अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर रहेगी निगरानी
कठुआ 06 मार्च (हि.स.)। पीसी और पीएनडीटी अधिनियम पर जिला सलाहकार समिति की बैठक डीसी कार्यालय में आयोजित की गई, जहां उपायुक्त कठुआ डॉ. राकेश मिन्हास ने जिले में इसके कार्यान्वयन की समीक्षा की।
बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई जिसमें अल्ट्रासाउंड केंद्रों का पंजीकरण और नवीनीकरण, गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम का कार्यान्वयन, जीसीसी, प्रयोगशालाओं और क्लीनिकों का विनियमन, अपराध और दंड, पंजीकरण का प्रावधान, निरीक्षण, निगरानी और कार्यान्वयन के लिए तंत्र शामिल थे। सीएमओ कठुआ डॉ. विजय रैना ने बैठक में बताया कि जिले में 5 निजी और 6 सरकारी समेत 11 अल्ट्रासाउंड क्लीनिक हैं। स्वस्थ बालिका लिंग अनुपात यानी पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम से संबंधित महत्वपूर्ण कानूनों में से एक के महत्व पर चर्चा करते हुए डीसी ने अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया और इसके अनुपालन को लागू करने के लिए अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों के यादृच्छिक निरीक्षण करने के लिए कहा। उन्होंने जिले में अवैध लिंग निर्धारण प्रथा पर नजर रखने के लिए डिकॉय पद्धति अपनाने का भी आह्वान किया। प्रासंगिक रूप से, गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) 1994 भारत की संसद का एक अधिनियम है जो कन्या भ्रूण हत्याओं को रोकने और भारत में घटते लिंग अनुपात को रोकने के लिए बनाया गया है और इस अधिनियम ने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। बैठक में एसोसिएटेड अस्पताल, जीएमसी कठुआ में एक और दो निजी इकाइयों सहित तीन अल्ट्रासाउंड इकाइयों के नवीनीकरण के अलावा मढ़हीन में एक नए निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र के पंजीकरण को भी मंजूरी दी गई। बैठक में एडीसी कठुआ, डीएसपी डीएआर, डिप्टी सीएमओ के अलावा डीएसी के अन्य सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान
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