चार दिवसीय छठ महापर्व उगते सूर्य अघ्र्य के साथ हुआ संपन्न, पुलिस प्रशासन एवं स्थानीय लोगों के सहयोग के लिए सीटीएम प्रबंधन ने किया आभार व्यक्त

चार दिवसीय छठ महापर्व उगते सूर्य अघ्र्य के साथ हुआ संपन्न, पुलिस प्रशासन एवं स्थानीय लोगों के सहयोग के लिए सीटीएम प्रबंधन ने किया आभार व्यक्त
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चार दिवसीय छठ महापर्व उगते सूर्य अघ्र्य के साथ हुआ संपन्न, पुलिस प्रशासन एवं स्थानीय लोगों के सहयोग के लिए सीटीएम प्रबंधन ने किया आभार व्यक्त


कठुआ 20 नवंबर (हि.स.)। चार दिवसीय छठ का महापर्व कठुआ में धूमधाम से मनाया गया, जोकि सोमवार को उगते सूर्य अघ्र्य के साथ संपन्न हो गया। जिला कठुआ में बाहरी राज्य से आऐ लोगों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने भी इस पर्व में भाग लिया।

कठुआ में सोमवार की सुबह सब्जीमंडी के पास नहर पर बने घाट पर सैकड़ों व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अघ्र्य दिया। इसके साथ ही चार दिवसीय आस्था का महापर्व संपन्न हो गया। इस अवसर पर महिलाओं ने परिवार की सुख समृद्धि के लिए छठी मइया से कामना की। सीटीएम प्रबंधन की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष उमेश गुप्ता, कार्यकारी उपाध्यक्ष यू के पटनायक, उपाध्यक्ष मनोज कुमार झा, उपाध्यक्ष आर के बंसल, महाप्रबंधक जसविंदर सिंह ने चार दिवसीय महापर्व छठ के शांति पूर्वक समापन पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, सीटीएम के स्वयंसेवकों, और स्थानीय लोगों को इस पर्व में भरपूर सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया। वहीं रेलवे रोड़ मार्केट के सदस्यों ने 36 घंटे से लगातार व्रत रखने वाले व्रतिय महिलाओं के लिए हलवा, पकोड़े, चाय लंगर आदि लगाकर उनके व्रत खुलवाकर पुण्य प्राप्त किया।

कठुआ में भी पूर्वोत्तर के सबसे बड़े पर्व छठ पूजा के मौके पर लोगों में उत्साह का माहौल रहा। गौरतलब हो कि रविवार शाम को सूर्यअस्त को अघ्र्य देने के बाद लोगों ने उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया। इससे पहले, शनिवार की शाम को खरना के बाद निर्जला व्रत शुरू हुआ था जो सोमवार सूर्य को अघ्र्य तक जारी रहा। पर्व में शामिल महेश कुमार, राहुल, विवके, रामछब्बीला, रवी कुमार, अमित चैरसिया, अखलेश कुमार, ब्रिजू, हरी शंकर, मुन्ना कुमार, मनोज कुमार आदि ने बताया कि छठी मइया की पूजा का व्रत 36 घंटे निर्जला रखा जाता है जो काफी कठिन माना जाता है। उन्होंने बताया कि छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण व्रत के दौरान पवित्रता और भगवान सूर्य को अघ्र्य देना है। इस पूरे व्रत में दो बार अघ्र्य दिया जाता है। पहला अघ्र्य षष्ठी तिथि के दिन सूर्यअस्त को दिया जाता है। दूसरा अघ्र्य उदय होने वाले भगवान भास्कर को दिया जाता है।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान

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