कठुआ में चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित, 641 मामलों का हुआ निपटारा
कठुआ 09 दिसंबर (हि.स.)। ताशी रबस्तान माननीय न्यायमूर्ति कार्यकारी अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर कानूनी सेवा प्राधिकरण के निर्देशों और अध्यक्ष जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण कठुआ अशोक कुमार शवन के मार्गदर्शन में वर्ष 2023 की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत में संदर्भित मामलों को निपटाने के लिए छह बेंचों का गठन किया गया। जिसमें बेंच 1 में अशोक कुमार शवन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कठुआ और सुरिंदर कुमार थप्पा स्पेशल मोबाइल मजिस्ट्रेट कठुआ शामिल थे। बेंच 2 में कुसुम पंडिता अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कठुआ और चीना सुम्ब्रिया मुंसिफ जेएमआईसी कठुआ शामिल थे। बेंच 3 में स्वाति गुप्ता मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कठुआ और नीना ठाकुर जिला मोबाइल मजिस्ट्रेट कठुआ शामिल थे। बेंच 4 में जीवन कुमार शर्मा मुंसिफ जेएमआईसी बसोहली, एडवोकेट शुभ कुमार अध्यक्ष बार एसोसिएशन बसोहली, बेंच 5 में ज्योति भगत मुंसिफ जेएमआईसी बिलावर और पूनम गुप्ता सदस्य बिलावर शामिल थे। बेंच 6 में रजनी भगत मुंसिफ जेएमआईसी महानपुर और बेंच 7 में रिंपी रानी मुंसिफ जेएमआईसी हीरानगर और विजय कुमार अध्यक्ष बार एसोसिएशन हीरानगर शामिल थे।
रेखा कपूर निश्चल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कठुआ ने एडीआर सेंटर जिला न्यायालय परिसर कठुआ में आयोजित चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का समन्वय किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के मामले बेंचों के समक्ष रखे गए, जिनमें हिंदू विवाह अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम, एमएसीटी मामले, बैंक रिकवरी (मुकदमे से पहले और बाद में दोनों) मामले, आपराधिक समझौता योग्य मामले शामिल थे। शुरुआत में चेयरमैन डीएलएसए कठुआ का एक विशेष संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने तत्काल न्याय देने वाली ऐसी लोक अदालतों के आयोजन के महत्व पर विचार-विमर्श किया। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1111 मामले उनके सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए उठाए गए, जिनमें से 641 मामलों का निपटारा किया गया और समझौता राशि के रूप में 15523994/- रुपये की राशि वसूल की गई। वैवाहिक मामलों का निपटारा करते समय पीठ के सर्वोत्तम प्रयास में दोनों पक्षों द्वारा दायर किए गए 3 मामले जिसमें करणवीर सूदन बनाम शर्मिला, सीमा बनाम अजीत और अरुणज्योति बनाम अंजलि देवी तलाक की मांग के लिए थे। पीठ के प्रयासों से उन्होंने उनके वैवाहिक संबंध को फिर से शुरू करके मामले का निपटारा किया गया, जिससे उनका घर और आगे का वैवाहिक जीवन बच गया और निशा बनाम सुनील नामक गार्जियन वार्ड अधिनियम के 01 मामले को खुशहाल जीवन जीने के लिए सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया गया।
हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान
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