कश्मीर विस्थापित नेताओं ने सीटें आरक्षित करने के मोदी सरकार के फैसले की सराहना की
जम्मू, 7 दिसंबर (हि.स.)। कश्मीर विस्थापित समुदाय के नेताओं ने भाजपा कार्यालय, कच्ची छावनी, जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, कश्मीर के हिंदू विस्थापित समुदाय ने अपनी खुशी जाहिर की है। इस अवसर पर पूर्व एमएलसी गिरधारी लाल रैना और भाजपा केडीडी अध्यक्ष चंदजी भट्ट के साथ अन्य समुदाय के नेताओं ने मीडियाकर्मियों को संबोधित किया।
कश्मीरी प्रवासी समुदाय के लिए जम्मू कश्मीर की विधानसभा में दो सीटें आरक्षित करने के सरकार के फैसले पर खुशी और सराहना की। उन्होंने इस कदम को ऐतिहासिक और भविष्योन्मुखी बताया। इस उल्लेखनीय कदम ने कश्मीर के धार्मिक अल्पसंख्यकों को चालाकी से हाशिए पर धकेलने और बहिष्करण को समाप्त कर दिया है। यह समुदाय को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाता है और कश्मीर घाटी में उसकी राजनीतिक विरासत को बहाल करने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के भारत संघ में शामिल होने के बाद हुए पहले चुनाव में कश्मीर का अल्पसंख्यक समुदाय राज्य विधानमंडल में चार प्रतिनिधियों को भेजने में सक्षम था। लेकिन विभाजनकारी एजेंडे वाले राजनीतिक दलों के नेतृत्व वाली क्रमिक सरकारों ने क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन में इस तरह से हेरफेर किया कि अल्पसंख्यक समुदाय राजनीतिक रूप से अप्रभावी हो गया और निर्वाचित रूप में उनके वैध प्रतिनिधियों के बिना हो गया। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक के पारित होने के साथ, जिसमें कश्मीर प्रवासी समुदाय के दो सदस्यों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापित व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को विधान सभा में नामित करने का प्रावधान है, इस भेदभाव को समाप्त कर दिया गया है।
यह महत्वपूर्ण कदम समुदाय को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाएगा और विस्थापित समुदाय को कश्मीर परिवेश में फिर से एकीकृत करेगा और सम्मानजनक, सुरक्षित और सार्थक पुनर्वास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान
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