यह केंद्र की ड्यूटी है कि वह राज्यों को बताए कि सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं रोकी जानी चाहिए-फारूक अब्दुल्ला

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यह केंद्र की ड्यूटी है कि वह राज्यों को बताए कि सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं रोकी जानी चाहिए-फारूक अब्दुल्ला


श्रीनगर, 29 दिसंबर (हि.स.)। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि केंद्र को राज्य सरकारों पर दबाव डालना चाहिए कि जब उनके इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हों तो उन्हें रोका जाए।

अब्दुल्ला ने श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में मीडिया से कहा, “यह केंद्र की ड्यूटी है कि वह राज्यों को बताए कि ऐसी घटनाएं रोकी जानी चाहिए।” वह जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में एक मस्जिद और मदरसे पर कथित पत्थरबाजी की घटना पर टिप्पणी कर रहे थे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आस-पास बुरे लोग हैं और वे हमेशा रहेंगे। हमने केंद्र पर बार-बार दबाव डाला है कि भारत एक धर्मनिरवपेक्ष देश है और संविधान सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है।

बांग्लादेश के हालात पर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि पड़ोसी देश में शांतिपूर्ण चुनाव होंगे ताकि वह नई सरकार बना सके।

उन्होंने आगे कहा, “हम शांति, दोस्ती और भाईचारा चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि नई सरकार (ढाका में) भारत के साथ दोस्ती का नया रास्ता खोजेगी।”

अब्दुल्ला ने दुआ की कि आने वाला नया साल लोगों के लिए पिछले साल से बेहतर हो। “मुझे उम्मीद है कि हमारी परेशानियाँ कम होंगी और शांति और टूरिज़्म होगा।”

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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