मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आज स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 27 छात्रों में से 22 छात्राएं हैं - उपराज्यपाल
अवंतीपोरा, 25 जुलाई (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरूवार को इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईयूएसटी) अवंतीपोरा के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व उपराज्यपाल मनोज सिन्हां ने छात्रों को बधाई दी और शुभकामनाएं दीं तथा लैंगिक समानता का एक शानदार उदाहरण स्थापित करने में आईयूएसटी की सराहनीय उपलब्धियों की सराहना की।
उपराज्यपाल ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आज स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 27 छात्रों में से 22 छात्राएं हैं। हमारे क्षेत्र में छात्राएं स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों स्तरों पर शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं को शिक्षित करना सामाजिक प्रगति, आर्थिक विकास और स्थिरता में सार्थक योगदान देता है। 2047 तक देश को सच्चा विकसित भारत बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं के समृद्ध भविष्य के लिए एक ठोस आधार तैयार करने में माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका की भी सराहना की।
छात्रों को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने उन्हें स्थानीय चुनौतियों का सामना करने और देश के उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की दिशा में काम करने के लिए निरंतर नवाचार करने के लिए प्रेरित किया। उपराज्यपाल ने छात्रों से कहा कि इच्छा और दृढ़ संकल्प, दो प्रमुख कारक आपको अवसरों का दोहन करने और विकसित भारत के निर्माण में लगातार योगदान करने के लिए मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों में राष्ट्र के भाग्य को आकार देने के लिए उच्च मूल्यों और स्वतंत्र सोच का निर्माण करना है।
उपराज्यपाल ने कहा कि हमारे शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों की वास्तविक क्षमता को उजागर करने के लिए कक्षा-कक्ष की शिक्षा को फिर से शुरू करने पर विशेष जोर देना चाहिए। उन्होंने उद्योग-अकादमिक संपर्क को मजबूत करने और स्टार्टअप और व्यावसायिक विचारों को समृद्ध करने के लिए एक सहयोगी स्थान प्रदान करने पर भी जोर दिया। स्टार्टअप विश्वविद्यालयों और उद्योगों के बीच की खाई को पाटने के लिए शक्तिशाली साधन हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा को कठोर पाठ्यक्रम के बजाय रचनात्मकता से प्रेरित किया जाना चाहिए। उपराज्यपाल ने शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करने के लिए प्न्ैज् के कुलपति, संकाय सदस्यों और छात्रों को भी बधाई दी। उपराज्यपाल ने कहा कि आईयूएसटी ने न केवल अपने छात्रों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने में उत्कृष्टता हासिल की है बल्कि यह जम्मू-कश्मीर में विभिन्न शैक्षिक नवाचारों में भी अग्रणी रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार आईयूएसटी ने अपने शैक्षणिक प्रस्तावों में उल्लेखनीय वृद्धि की है, मानविकी को विज्ञान के साथ सफलतापूर्वक मिश्रित करते हुए बहु-विषयक शिक्षा में संलग्न है और नई शिक्षा पद्धतियों को पेश किया है। उन्होंने कहा कि डिजाइन योर ओन डिग्री मोड में यूजी प्रोग्राम की शुरुआत, मल्टीपल एंट्री मल्टीपल एग्जिट के साथ 4 साल के यूजी प्रोग्राम और रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन, डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मीडिया स्टडीज, ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी और कई अन्य क्षेत्रों जैसे अन्य अभिनव कार्यक्रम हमारे छात्रों की विविध जरूरतों को पूरा करने वाले लचीले और आधुनिक शैक्षिक अवसर प्रदान करने की प्रतिबद्धता के प्रमाण हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के शिक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव देख रहे हैं और मुझे विश्वास है कि आईयूएसटी केंद्र शासित प्रदेश में ज्ञान और नवाचार का प्रतीक होगा।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष पद्म विभूषण डॉ. अनिल काकोडकर ने छात्रों को उनकी नई यात्रा शुरू करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि बाहर की दुनिया अवसरों के साथ-साथ चुनौतियों से भी भरी है। आईयूएसटी से छात्रों को जो क्षमताएं प्राप्त होंगी, वे उन्हें आगे एक सफल करियर बनाने में सक्षम बनाएंगी और उन्हें राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाएंगी। आईयूएसटी के कुलपति प्रोफेसर शकील अहमद रोमशू ने विश्वविद्यालय की रिपोर्ट प्रस्तुत की और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। दीक्षांत समारोह के दौरान 27 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए जबकि 53 छात्रों को योग्यता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कुल 1056 छात्रों को यूजी/पीजी कार्यक्रमों के लिए डिग्री प्रदान की गई और 19 छात्रों को उनके पीएचडी डिग्री प्रमाण पत्र प्राप्त हुए।
उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर; जेएंडके उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश सिंह; विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति; विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के विभागाध्यक्ष, नागरिक और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, संकाय सदस्य, छात्र और उनके अभिभावक उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता / बलवान सिंह
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