हस्तशिल्प एवं हथकरघा विभाग ने रैंप योजना के तहत पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग कार्यशाला का आयोजन किया
कठुआ, 17 दिसंबर (हि.स.)। पारंपरिक कारीगरों के बाजार एकीकरण और आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से जम्मू कश्मीर के हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय ने श्रीनगर स्थित राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान के सहयोग से कठुआ स्थित डीसी कार्यालय में पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग पर एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया।
यह कार्यशाला लघु एवं मध्यम उद्यम प्रदर्शन संवर्धन और त्वरण योजना के अंतर्गत आयोजित की गई और इसका आयोजन सहायक निदेशक हस्तशिल्प एवं हथकरघा कार्यालय कठुआ द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डीसी कठुआ राजेश शर्मा ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उपायुक्त ने हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के मूल्य, दृश्यता और बाजार पहुंच को बढ़ाने में पैकेजिंग और ब्रांडिंग के महत्व पर जोर दिया। एनआईएफटी श्रीनगर के विशेषज्ञों ने समकालीन पैकेजिंग और ब्रांडिंग प्रथाओं पर विस्तृत प्रस्तुतियाँ दीं और प्रतिभागियों को एनआईएफटी की भूमिका और संस्थान द्वारा पेश किए जाने वाले विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी जिनका लाभ कारीगर और शिल्प-आधारित उद्यमी अपने कौशल को और बेहतर बनाने और बाजार उन्मुखीकरण के लिए उठा सकते हैं। इस कार्यशाला में जिले भर के कारीगरों, बुनकरों और विभागीय अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
हस्तशिल्प एवं हथकरघा विभाग की सहायक निदेशक कठुआ अक्षु शर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कारीगरों के व्यवस्थित कौशल उन्नयन और बेहतर बाजार उन्मुखीकरण के लिए एक व्यापक कार्ययोजना प्रस्तुत की। उन्होंने योजना के तहत नियोजित हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला जिनमें नियमित क्षमता निर्माण कार्यक्रम, प्रौद्योगिकी सहायता, ब्रांडिंग और पैकेजिंग मानकों से अवगत कराना और बाजार संपर्क तंत्र को मजबूत करना शामिल है ताकि कारीगर व्यापक बाजारों में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा कर सकें और सतत आय वृद्धि प्राप्त कर सकें।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया

