गोविंद सरीन ने बलबीर को माता वैष्णो देवी पर एक पुस्तक भेंट की

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जम्मू 04 फरवरी (हि.स.)। प्रसिद्ध साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार गोविंद सरीन ने भाजपा प्रवक्ता और पूर्व उपाध्यक्ष बलबीर राम रतन को हिंदी लिखित पुस्तक श्री माता वैष्णो देवी एक अलौकिक सिद्ध पीठ भेंट की।

इस पुस्तक में विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए ग्यारह अध्याय शामिल हैं जिनमें माता वैष्णो देवी गुफा का इतिहास, भक्त श्रीधर और बाबा भैरवनाथ, मां कोल कंडोली मंदिर, मां देवा माई मंदिर, भूमिका मंदिर, दर्शनी ड्योढ़ी, बाण गंगा, चरण पादुका मंदिर, अर्धकुवारी शामिल हैं।

यह पुस्तक एक प्रमुख डोगरी लेखिका डॉ. नीलम सरीन द्वारा लिखी गई है जो साहित्य अकादमी के अखिल भारतीय डोगरी बोर्ड और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड, कटरा, जम्मू और कश्मीर की सदस्य हैं। उन्होंने डोगरी भाषा में 26 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जिसके लिए उन्हें राज्य और साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं। गोविंद सरीन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बलबीर राम रतन ने कहा कि यह पुस्तक उन्हें सटीक ज्ञान प्राप्त करने में मदद करेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किताबें ज्ञान, प्रेरणा और व्यक्तिगत विकास का एक आवश्यक स्रोत हैं। वे हमारी कल्पना का विस्तार करती हैं आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देती हैं और संचार कौशल में सुधार करती हैं।

इसके अलावा बलबीर राम रतन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किताबें ज्ञान के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती हैं इतिहास, विज्ञान, साहित्य और दर्शनशास्त्र, व्यक्तियों और समाज का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डिजिटल युग में भी किताबें शिक्षा और बौद्धिक विकास के लिए एक अपरिहार्य माध्यम बनी हुई हैं। वे तनाव को कम करने, एकाग्रता बढ़ाने और आजीवन सीखने के अवसर प्रदान करने में मदद करती हैं। सभी आयु समूहों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना एक जागरूक और प्रबुद्ध समाज को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी

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