करवा चौथ के दिन बेहद खास होता है मेहंदी और चूड़ी का श्रृंगार, दिन भर भूखे पेट रहकर पति की लंबी आयु की करेंगी कामना
कठुआ 19 अक्टूबर (हि.स.)। करवाचौथ पर्व को लेकर जिलाभर के बाजारों में मेहंदी लगाने वालों की चांदी है, उनके पास महिलाओं की पूरा दिन भीड़ लग रही है, अलग-अलग डिजाइनों की मेहंदी लगवा रही महिलाओं ने बताया के इस पर्व का पूरे साल महिलाएं इंतजार करती हैं यह पर्व महिलाओं का सबसे पसंदीदा पर्व है जिसमें अपने पति परमेश्वर के लिए दिन भर भूखे पेट रहकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं और अपने आप को एक नई दुल्हन के रूप में सजती संवरती हैं।
इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं।
इस पूजा के लिए महिलाएं बहुत अच्छे से सजती संवरती हैं, खास तौर पर इस दिन 16 श्रृंगार करती है। भारतीय महिलाओं में 16 श्रृंगार की बड़ी अहमियत है, इन 16 श्रृंगार में मेहंदी और चूड़ी का बहुत महत्व होता है। मेहंदी को महिलाएं किसी भी त्योहार पर या फिर घर में कोई शुभ कार्य में अपने हाथों-पैरों में जरूर रचाती हैं। मेहंदी के बिना हर सुहागन स्त्री का श्रृंगार अधूरा माना है। इसी प्रकार चूड़ियां भी सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि सुहागिन स्त्रियों की कलाइयां चूड़ियों से भरी होनी चाहिए। कहते हैं हाथों में कंगन या चूड़ियां पहनने से शरीर में खून चलता रहता है। वहीं मेहंदी लगाने वाले दुकानदार अंकुश, सुमित, सुनील, राकेश आदि ने बताया कि वैसे तो पूरे वर्ष मेहंदी लगाने का काम उनका जारी रहता है लेकिन विशेषकर करवाचौथ पर्व पर उनकी भी चांदी हो जाती है। उन्होंने बताया कि कम से कम एक हाथ पर मेहंदी लगाने का 500 से एक हजार और दोनों हाथों पर एक हजार से लेकर 3000 तक लेते हैं।
उन्होंने बताया कि मेहंदी के अलग-अलग डिजाइन है और हर वर्ग की महिलाएं अपनी उम्र के हिसाब से इन डिजाइनों को पसंद करती हैं और मेहंदी लगवाती हैं कुछ औरतें मेहंदी लगाते वक्त अपने पति परमेश्वर का नाम भी उसमें लिखवाती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया
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