डीएसएस ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की; सख्त दंडात्मक कार्रवाई की मांग की
जम्मू, 23 अप्रैल (हि.स.)। डोगरा सदर सभा ने अपने अध्यक्ष गुलचैन सिंह चरक की अध्यक्षता में एक आपात बैठक आयोजित की और कल पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले पर चर्चा की। इस बैठक में शामिल लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर इस बर्बर आतंकवादी हमले के निर्दोष पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने आतंकवादी कृत्य की निंदा करते हुए पड़ोसी देशों पर जम्मू-कश्मीर के लोगों की शांति, सद्भाव और सुचारू आर्थिक प्रगति को बाधित करने के प्रयासों का आरोप लगाया।
डोगरा सदर सभा ने सुरक्षा व खुफिया चूक पर चिंता व्यक्त की। डीएसएस ने जम्मू-कश्मीर के दोनों प्रांतों के लोगों के साथ मिलकर इस आतंकवादी कृत्य की निंदा की जिन्होंने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में पूर्ण बंद रखा। सभा ने जम्मू-कश्मीर के दोनों प्रांतों में एकजुटता के लिए विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की सराहना की। पिछले तीन दशकों में यह पहली बार है कि केंद्र शासित प्रदेश के दोनों प्रांतों के लोग आतंकवाद और इसके अपराधियों के खिलाफ एकजुट होकर आगे आए हैं और सुझाव दिया है कि इस उद्देश्य के लिए हमारे पास एक उचित समन्वय समिति होनी चाहिए।
सभी प्रतिभागियों ने लोगों से इस कठिन समय के दौरान शांति बनाए रखने और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की। इसने इस बात पर जोर दिया कि समुदायों के बीच एकता और भाईचारा दुश्मन के नापाक इरादों को हराने के लिए सबसे प्रभावी प्रतिक्रिया है जो क्षेत्र को विभाजित और अस्थिर करना चाहता है। डीएसएस ने अपराधियों के लिए कड़ी दंडात्मक कार्रवाई और चौकीदारों, नंबरदारों और ग्राम रक्षा समितियों जैसे जमीनी स्तर के संस्थानों को पुनर्जीवित मजबूत करने का भी सरकार से आग्रह किया जिन्होंने ऐतिहासिक रूप से गांव स्तर पर नागरिक प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की आंख और कान के रूप में कार्य करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सभा का मानना है कि स्थानीय खुफिया जानकारी को बढ़ाने और राष्ट्र के दुश्मनों के खिलाफ समय पर निवारक कार्रवाई सुनिश्चित करने में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर के लोगों से एक साथ रहने और संयुक्त रूप से दुश्मन के नापाक इरादों को हराने की अपील की।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता

