तिरुपति बालाजी मंदिर के मिलावटी प्रसाद की घटना पर चर्चा
जम्मू, 20 सितंबर (हि.स.)। हर माह की 20 तारीख को होने वाली बावा कैलख देव मंदिर प्रबंधक कमेटी की मासिक बैठक में आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर के मिलावटी प्रसाद की घटना पर चर्चा हुई। बैठक उपरांत जारी प्रेस विज्ञप्ति में कमेटी के प्रधान और सनातन धर्म सभा के उपप्रधान शक्ति दत्त शर्मा ने बताया की सभी सदस्यों ने इस घटना पर रोष व्यक्त किया और कड़ी निंदा की। यह सब सरकार द्वारा मंदिरों के अधिग्रहण करने की वजह से हुआ क्योंकि जो लोग सरकार की तरफ से मंदिर प्रबंधन में रहते हैं उनकी उस देवता और इष्टदेव के प्रति आस्था नहीं होती है और ना ही वहाँ के रीती रीवाजों का पालन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह सब जानबूझ कर सनातन के खिलाफ एक षड्यंत्र है। हिन्दू समाज द्वारा चढ़ाये गए धन का सनातन विरोधी गतिविधिओं के लिए, विशष रूप से वामपंथी और ईसाई मिशनरिओं द्वारा सनातन को कमज़ोर करने के लिए किया जाता है। जिस प्रकार सब्जियों पर थूकना, जूस में पेशाब मिलाना, रोटियों पर थूकना भिन्न प्रकार की गतिविधियां विधर्मियो द्वारा की जा रही हैं। यह उसी षड़यंत्र का एक हिस्सा है। बैठक में यह मांग की गयी कि इसलिए सारे षड्यंत्र की सीबीआई जांच की जाए और मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त किया जाए। बैठक में कमेटी के चेयरमैन चन्द्रमोहन सेठ, उपाध्यक्ष भारतभूषण शर्मा, जगदीश सेठ, सुभाष सेठ, महामंत्री पवन सेठ और नरेश सेठ, पवन गुप्ता, सुनील राका, प्रीमोक्ष सेठ, विजय गुप्ता, शास्त्री पवन सेठ, सतीश गुप्ता, प्रभाकर शास्त्री, ठाकुर कश्मीर सिंह चिब, मोहिंदर शर्मा, साहिल सेठ, मानिक सेठ ने चर्चा में भाग लिया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा
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