सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सीयूजे में हुई चर्चा

सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सीयूजे में हुई चर्चा
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सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सीयूजे में हुई चर्चा


जम्मू, 25 नवंबर (हि.स.) । जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने कुलपति प्रोफेसर संजीव जैन के संरक्षण और मार्गदर्शन में थर्स्डे माइंड मीट का आयोजन किया। मीट का विषय सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस था, जो वर्तमान परिदृश्य में एक समसामयिक शोध चुनौती है। कार्यक्रम की शुरुआत माइंड मीट के बारे में प्रोफेसर वंदना शर्मा की परिचयात्मक टिप्पणियों के साथ हुई। सीयूजे के एचओडी सीएसआईटी और रजिस्ट्रार प्रो. यशवन्त सिंह ने सभा का स्वागत किया और पैनल के सदस्यों का परिचय दिया।

चर्चा के लिए पैनल में विशेषज्ञ सदस्य सीयूजे से थे जिनमें प्रो. यशवन्त सिंह (एचओडी, सीएसआईटी), डॉ. अरविंद सेलवाल (सहायक प्रोफेसर, सीएसआईटी), कर्नल नितिन लंगे (एमटेक छात्र), ज़ाकिर अहमद शेख (पीएचडी स्कॉलर), भारती ठाकुर (एमटेक छात्र), और विश्वजा (बीटेक छात्र) शामिल थे। अपनी चर्चा में, प्रोफेसर यशवंत सिंह ने विभिन्न साइबर सुरक्षा हमलों, कमजोरियों और सुरक्षा मुद्दों पर जोर दिया। राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे से संबंधित उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नैतिक और अनैतिक मुद्दों और इंटरनेट ऑफ थिंग्स में विभिन्न हमलों से निपटने के तंत्र के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने छात्रों और शोधकर्ता विद्वानों को सूचना प्रणालियों में ऐसे खतरों को कम करने के लिए नए समाधान खोजने में सक्रिय रूप से संलग्न होने के लिए प्रेरित किया।

इसके बाद डॉ. अरविंद सेलवाल ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से संचारित किए जा रहे डेटा की विभिन्न सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने बायोमेट्रिक-आधारित मानव प्रमाणीकरण में सुरक्षा उल्लंघनों के कुछ वास्तविक समय के उदाहरण भी उद्धृत किए जो चेहरे, फिंगरप्रिंट जैसे कंप्यूटिंग अनुप्रयोगों में तैनात किए गए हैं। उन्होंने वीडियो, छवियों और ऑडियो के माध्यम से डीपफेक हमलों के बारे में भी चिंता जताई और जेनेरिक एआई की अंतर्दृष्टि प्रदान की। उन्होंने डीपफेक के मुद्दों से निपटने और मजबूत डीपफेक पहचान तंत्र विकसित करने के लिए उचित विनियमन तैयार करने पर जोर दिया।

कर्नल नितिन ने बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) से संबंधित अपने विचार व्यक्त किए, जिन्होंने मानवीय क्षमताओं के साथ-साथ खतरे के विश्लेषण और जेनरेटर एआई को विनियमित करने के लिए आगे का रास्ता पार कर लिया है। बैठक के दौरान जाकिर ए शेख ने विभिन्न प्रकार के IoT हमलों और AI के माध्यम से इन हमलों से निपटने के तरीकों के बारे में चर्चा की। भारती ठाकुर ने भी सूचना सुरक्षा से संबंधित गंभीर चिंताओं को उठाया और अपनी टिप्पणी में विश्वजा ने साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बीच तालमेल बनाने पर जोर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

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