पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की

पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की
WhatsApp Channel Join Now
पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की


जम्मू, 16 नवंबर (हि.स.)। शिव सेना हिंदुस्तान जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष पंडित राजेश केसरी ने वीरवार को जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन में डोडा जिले में हुई विनाशकारी दुर्घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसमें 38 लोगों की जान चली गई और 19 अन्य घायल हो गए। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी सिर्फ एक अकेली घटना नहीं है। यह उस आवर्ती समस्या की स्पष्ट याद दिलाता है जिसने हमारे केंद्र शासित प्रदेश को वर्षों से परेशान किया है।

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए केसरी ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में दुर्घटनाओं के पीछे खराब वाहन रखरखाव, लापरवाही से गाड़ी चलाना और खतरनाक सड़क की स्थिति है। जम्मू और कश्मीर में जहां का भूभाग चुनौतीपूर्ण है, जोखिम काफी ऊंचे हैं और गलती की संभावना बेहद कम है। केसरी ने कहा, अब समय आ गया है कि संबंधित अधिकारी उस प्रणाली पर कड़ी नजर डालें जिसने ऐसी आपदा को घटित होने दिया।

केसरी ने आगे कहा कि सरकार और परिवहन अधिकारियों को इस मुद्दे के समाधान के लिए एक साथ आना चाहिए। उन्होंने वाहनों में ओवरलोडिंग सहित यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की। इसके बाद केसरी ने कहा कि खराब स्थिति वाले पुराने वाहनों को चलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, खासकर चुनौतीपूर्ण इलाकों में। इसके अलावा सड़क के बुनियादी ढांचे में निवेश आवश्यक है। वहीं बेहतर ड्राइविंग कौशल और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता से कई दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।

केसरी ने कहा कि डोडा दुर्घटना उस कीमत की दुखद याद दिलाती है जो हम लापरवाही के लिए चुकाते हैं। चूँकि हम लोगों की मृत्यु पर शोक मना रहे हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। प्रत्येक जीवन अनमोल है और अपनी सड़कों को सुरक्षित बनाकर उनकी सुरक्षा करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story