सीएस ने जम्मू-कश्मीर में संस्कृति और संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने की समीक्षा की
जम्मू, 6 अगस्त (हि.स.)। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने जम्मू-कश्मीर में संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसके संरक्षण और सुरक्षा के लिए अपनी गतिविधियों का जायजा लेने हेतु संस्कृति विभाग की एक बैठक की। बैठक में प्रमुख सचिव संस्कृति, सचिव आर एंड बी, कार्यकारी निदेशक मुबारक मंडी जम्मू हेरिटेज सोसाइटी, निदेशक पुस्तकालय एवं अनुसंधान, निदेशक अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय, कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के प्रतिनिधि के अतिरिक्त अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित हुए।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हमारी बहुमूल्य कलाकृतियों और ऐतिहासिक स्मारकों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए हर उपाय करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ये अतीत में हमारी समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाते हैं इसलिए हमारी युवा पीढि़यों की जागरूकता के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने सभी अभिलेखीय सामग्रियों के संरक्षण और सभी तक आसान पहुंच के लिए उनके डिजिटलीकरण को पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को टेंडरिंग प्रक्रिया को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने का निर्देश दिया ताकि यह महत्वपूर्ण कार्य तुरंत पूरा हो सके। डुल्लू ने मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लेक्स के जीर्णोद्धार के चल रहे कार्यों को पूरा करने, वहां ड्रैग लिफ्ट पर काम शुरू करने के अलावा वहां अन्य सुविधाएं बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने पूरे यूटी में कला, संस्कृति और भाषा अकादमी द्वारा आयोजित गतिविधियों के बारे में पूछा। उन्होंने वर्ष भर कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कला केंद्र, जम्मू और टैगोर हॉल, श्रीनगर के स्थानों का अधिक उपयोग करने का निर्देश दिया।
मुख्य सचिव ने यहां एसपीएस संग्रहालय के शेष कार्य को पूरा करने की परियोजना पर भी ध्यान दिया। उन्होंने तहजीब महल के लिए एक व्यवहार्य डीपीआर तैयार करने की भी सलाह दी जिसे उचित समय में पूरा किया जा सके। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, संस्कृति, सुरेश कुमार गुप्ता ने विभाग की कार्यप्रणाली और पिछले निर्देशों को लागू करने के लिए उनके द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभिलेखों का पृथक्करण लगभग पूरा हो चुका है और डिजिटलीकरण के लिए एनआईटी शीघ्र ही निदेशक, अभिलेखागार, पुरातत्व और संग्रहालय द्वारा जारी की जाएगी।
योजना के चरण-1 के तहत 35 विरासत स्थलों का जीर्णोद्धार/संरक्षण किया गया था। चरण-2 के तहत विशेषज्ञ समिति द्वारा अंतिम रूप देने के लिए 126 विरासत स्थलों/तीर्थों की डीपीआर प्राप्त हुई थी। इसमें यह भी कहा गया कि 200 स्मारकों में से अब तक 80 की प्रतिमा विज्ञान का कार्य किया जा चुका है। पर्यटन विभाग के सहयोग से इन स्मारकों को पर्यटन मानचित्र पर लाने की कवायद चल रही है। इसके अलावा बैठक में बताया गया कि 6.93 करोड़ रुपये की लागत से एसआरएस लाइब्रेरी, जम्मू के आधुनिकीकरण का काम पूरा होने के अंतिम चरण में है। जिला पुस्तकालय बारामूला, तहसील पुस्तकालय क्रेरी, तहसील पुस्तकालय ऐशमुकाम, तहसील पुस्तकालय भद्रवाह और तहसील पुस्तकालय किश्तवाड़ सहित नए पुस्तकालय भवनों का काम भी इसी वर्ष पूरा हो जाएगा।
पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण के बारे में बताया गया कि फ़ारसी पांडुलिपियों की वर्णनात्मक सूची का पहला खंड पूरा हो चुका है। जबकि अरबी और संस्कृत पांडुलिपि की अभी प्रूफ रीडिंग प्रक्रिया चल रही है। यह बताया गया कि सभी तहसील पुस्तकालयों में इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है, जिनमें से 6 में यह पहले से ही उपलब्ध है। इसके अलावा पहले उदाहरण में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों और अन्य लोगों की आसानी के लिए एसपीएस लाइब्रेरी श्रीनगर और एसआरएस लाइब्रेरी जम्मू का समय सुबह 8ः00 बजे से रात 8ः00 बजे तक बढ़ा दिया गया है।
यह बताया गया कि वित्त विभाग के परामर्श से विभाग द्वारा 15 पुरस्कारों (03 लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, 04 संस्कृति प्रतिष्ठित पुरस्कार, 06 युवा प्रेरणा पुरस्कार और 02 संस्कृति एनजीओ पुरस्कार) के प्रावधान के साथ एक संस्कृति पुरस्कार योजना तैयार की जा रही है। एलजी रोलिंग कल्चरल ट्रॉफी के संबंध में बैठक में बताया गया कि इस आयोजन के लिए आईटी विभाग द्वारा पोर्टल तैयारी के अग्रिम चरण में है और इस साल 15 अगस्त तक तैयार होने की उम्मीद है। बैठक में एमएमजेएचएस द्वारा किये जा रहे कार्यों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसमें अन्य संबद्ध कार्यों पर भी चर्चा हुई जिनकी निविदा अन्य तकनीकी औपचारिकताओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के बाद की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा / बलवान सिंह
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