सीआरपीएफ ने पाकिस्तानी महिला से शादी करने पर कांस्टेबल की बर्खास्तगी को उचित ठहराया

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जम्मू,,31 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में कांस्टेबल मुनीर अहमद की बर्खास्तगी को उचित ठहराया है। उन्होंने उन पर एक पाकिस्तानी महिला से गुप्त रूप से शादी करने, निकाहनामे पर उसके जाली हस्ताक्षर करने और उसके वीज़ा की अवधि समाप्त होने की स्थिति को छिपाने जैसे गंभीर कदाचार का आरोप लगाया है।

मेनल खान नाम की यह महिला फरवरी 2025 में पर्यटक वीज़ा पर भारत आई थी। सीआरपीएफ का दावा है कि मुनीर ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस शादी या दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) के लिए उसके आवेदन के बारे में सूचित नहीं किया। पहलगाम हमले के बाद मामला और बिगड़ गया, जब सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित करने का आदेश दिया। इस दौरान मुनीर ने अपनी स्थिति का खुलासा किए बिना छह दिन की छुट्टी ले ली।

सीआरपीएफ ने यह भी तर्क दिया कि निकाहनामे में दर्शाई गई तारीख को मेनल पाकिस्तान में थीं जिससे उनके हस्ताक्षर जालसाजी का मामला बन गए। उन्होंने दावा किया कि संवेदनशील जानकारी तक मुनीर की पहुँच के कारण इस शादी और इस जानकारी को छिपाने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा था।

मुनीर ने अपने प्रदर्शन रिकॉर्ड, सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ पूर्व संपर्क और भाजपा सांसदों द्वारा अपनी पत्नी के लिए वीज़ा सहायता हेतु भेजे गए पत्रों का हवाला देते हुए बर्खास्तगी को चुनौती दी है। हालाँकि सीआरपीएफ का कहना है कि यह मामला आचरण नियमों से परे है और पाकिस्तान के एक शत्रुतापूर्ण राष्ट्र होने के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है।

उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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