कश्मीर में ईसाईयों ने पूरे उत्साह के साथ मनाया क्रिसमस, लोगों की शांति और समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थनाएं कीं

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कश्मीर में ईसाईयों ने पूरे उत्साह के साथ मनाया क्रिसमस, लोगों की शांति और समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थनाएं कीं


श्रीनगर, 25 दिसंबर (हि.स.)। कश्मीर में गुरुवार को ईसाईयों ने पूरे उत्साह के साथ क्रिसमस मनाया और लोगों की शांति और समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थनाएं कीं।

इस अवसर पर कश्मीर के चर्चों को सजाया गया था। सबसे बड़ी भीड़ मौलाना आजाद रोड स्थित होली फैमिली कैथोलिक चर्च में एकत्रित हुई, जहां ईसाई समुदाय के सदस्यों ने विशेष प्रार्थनाएं कीं और यीशु मसीह के जन्म का उत्सव मनाया। चर्च के पादरी फादर जॉन पॉल ने कहा कि श्रद्धालुओं ने कश्मीर और पूरे देश में शांति और स्थिरता के लिए प्रार्थना की। उन्होंने श्रीनगर में पत्रकारों से कहा, “हमने कश्मीर और पूरे देश में शांति और स्थिरता के लिए प्रार्थना की। हमने प्रार्थना की कि लोग एक-दूसरे की मदद और समर्थन कर सकें। हमने कश्मीर के उन लोगों के लिए रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए भी प्रार्थना की जिन्हें कम अवसर मिलते हैं। क्रिसमस पर बर्फबारी न होने पर खेद व्यक्त करते हुए फादर पॉल ने कहा कि श्रद्धालुओं को बर्फबारी की कमी खल रही है लेकिन मौसम फिर भी सुहाना था। उन्होंने कहा, “हम शहर और मैदानी इलाकों में बर्फबारी की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिर भी हम सुहावने मौसम के लिए ईश्वर के आभारी हैं।” उन्होंने लोगों से मानवता, भाईचारा और प्रेम की भावना जागृत करने का आह्वान किया।

फादर पॉल ने कहा, “आज हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता का आगमन देख रहे हैं और हम भी धीरे-धीरे कृत्रिम होते जा रहे हैं क्योंकि हम अपनी मानवता, भाईचारा और प्रेम की भावना खोते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें आशा है कि क्रिसमस के अवसर पर हम अपनी इन भावनाओं और इन अच्छी बातों को फिर से जगा पाएंगे।” देश के कुछ हिस्सों में समुदाय के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार होगा और अच्छे दिन लौटेंगे। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में देश में धर्म से संबंधित कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन धीरे-धीरे बदलाव आएगा और हम उस बेहतर बदलाव के लिए प्रार्थना करते हैं।”

क्रिसमस समारोह में बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के कई सदस्यों की भागीदारी पर उन्होंने कहा कि मानवता की भलाई के लिए विभिन्न समुदायों के लोगों को मिलकर काम करना होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

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