मुख्य सचिव ने जम्मू-कश्मीर में प्रमुख एनएचएलएमएल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

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जम्मू, 4 नवंबर (हि.स.)। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) द्वारा क्रियान्वित की जा रही प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति और कार्यान्वयन का आकलन करने के लिए एक व्यापक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में मुख्य रूप से पर्वतमाला योजना के तहत रोपवे परियोजनाओं, कटरा में इंटर मॉडल स्टेशन (आईएमएस) और जम्मू में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया जो सभी क्षेत्र में कनेक्टिविटी, रसद दक्षता और पर्यटन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

रोपवे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने रेखांकित किया कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन स्थायी परिवहन समाधानों के माध्यम से प्रमुख पर्यटन स्थलों तक बेहतर कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दे रहा है।

बैठक में बताया गया कि एनएचएलएमएल द्वारा सात प्राथमिकता वाली सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेतु बोलियाँ आमंत्रित की गई हैं जिनकी बोली नवंबर 2025 तक प्रस्तुत की जानी है। इन रोपवे परियोजनाओं में सोनमर्ग-थजवास, दोधपथरी-डिसखल, भद्रवाह-सियोझदार, बालटाल-अमरनाथ, पहलगाम-अमरनाथ, नासरी सुरंग-सनासर और शंकराचार्य रोपवे परियोजना शामिल हैं।

मुख्य सचिव ने समय पर डीपीआर को अंतिम रूप देने के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इन परियोजनाओं में पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रमुख तीर्थस्थलों तथा दर्शनीय स्थलों तक अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी प्रदान करने की अपार संभावनाएँ हैं। मुख्य सचिव ने कटरा में इंटर मॉडल स्टेशन (आईएमएस) की प्रगति की समीक्षा की जो श्री माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों के लिए रणनीतिक महत्व की एक प्रमुख परियोजना है। इस परियोजना का उद्देश्य यात्री सुविधा और यात्रा दक्षता को बढ़ाने के लिए विभिन्न परिवहन साधनों का निर्बाध एकीकरण प्रदान करना है।

बैठक में परियोजना के वित्तीय मॉडल जिसमें चरण-एक और व्यापक विकास योजना दोनों शामिल हैं और रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए एनएचएलएमएल, एचएंडयूडीडी और वित्त विभाग के बीच चल रहे परामर्श पर चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने परियोजना के समय पर प्रारंभ सुनिश्चित करने के लिए सभी लंबित वित्तीय और प्रशासनिक मुद्दों को हल करने हेतु त्वरित कार्रवाई का आह्वान किया। एमएमएलपी जम्मू की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि स्थलाकृतिक और भू-तकनीकी सर्वेक्षणों और मांग आकलन सहित डीपीआर-संबंधित कार्यों को शुरू करने में सुविधा हो। यह बताया गया कि एनएचएलएमएल द्वारा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को मानक लागत पर आधारित एक वित्तीय मॉडल प्रस्तुत किया गया है जिसकी व्यवहार्यता और कार्यान्वयन रूपरेखा की वर्तमान में जांच की जा रही है।

मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को भूमि उपलब्धता को शीघ्र अंतिम रूप देने का निर्देश दिया ताकि एनएचएलएमएल बिना किसी देरी के जमीनी स्तर पर गतिविधियाँ शुरू कर सके। केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों को एनएचएलएमएल के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने और सभी कार्यों का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि ये परियोजनाएँ सामाजिक-आर्थिक महत्व की हैं और जम्मू-कश्मीर में बेहतर कनेक्टिविटी, पर्यटन और रसद विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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