आवामी इत्तेहाद पार्टी चेयरमैन ने दिया इस्तीफा, लोकसभा चुनाव के बाद 4 उम्मीदवार मैदान में
श्रीनगर, 10 दिसंबर (हि.स.)। आवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सबको चौंका दिया जब इसके फाउंडर इंजीनियर राशिद ने कश्मीर की राजनीति के दो बड़े नेताओं को हराकर बारामूला सीट जीती। मुश्किल से डेढ़ साल बाद पार्टी अब उथल-पुथल में है और एक के बाद एक नेता पार्टी छोड़ रहे हैं।
पार्टी जिसने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी शानदार जीत के बाद कश्मीर की राजनीति में खुद को एक विकल्प के तौर पर खड़ा किया था, टूट रही है और इसकी राजनीतिक मामलों की समिति के चेयरमैन इश्तियाक कादरी ने सबके सामने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। कादरी ने एक वीडियो मैसेज में कहा कि मैं न सिर्फ एआईपी की राजनीतिक मामलों की समिति के चेयरमैन के पद से बल्कि इसकी बेसिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए लड़ा था लेकिन एक भी कैदी को रिहा नहीं करवा पाए। उन्होंने कहा कि मैंने और मेरे साथियों ने तय किया कि हम एआईपी के जेल में बंद सुप्रीमो इंजीनियर राशिद को मैदान में उतारेंगे और एक ही एजेंडा पर सहमत हुए, इंजीनियर राशिद समेत बेगुनाह राजनीतिक कैदियों की रिहाई। कैदियों के माता-पिता, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को लगा कि हमारा एजेंडा सच है और उन्होंने हमें बड़ी संख्या में वोट दिया जिससे इंजीनियर राशिद एमपी बने। हालांकि उनकी जीत के बावजूद हम एक भी राजनीतिक कैदी की रिहाई नहीं करवा पाए।
कादरी से पहले कई और नेता पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं। पूर्व एमएलसी यासिर रेशी (सोनावारी से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार), डीडीसी सदस्य राजा वहीद (शोपियां से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार), डीडीसी सदस्य हरबख्श सिंह (त्राल से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार), वकील मुरसलीन (सोपोर से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार), और कई दूसरे बीच के नेता पार्टी छोड़ चुके हैं।2024 के असेंबली चुनावों में खराब परफॉर्मेंस के तुरंत बाद पार्टी का जाना शुरू हो गया जब वह सिर्फ़ एक सीट जीत पाई और वह भी बहुत कम अंतर से।
हाल ही में हुए बडगाम उपचुनावों में भी पार्टी ने खराब परफॉर्मेंस दिया, अपनी डिपॉज़िट गंवा दी और भाजपा उम्मीदवार से सिर्फ़ 470 वोट ज्यादा हासिल किए। डीडीसी के पूर्व चेयरपर्सन नज़ीर अहमद खान जो बडगाम से पार्टी के कैंडिडेट थे, उन्हें 3,089 वोट मिले जबकि डीडीसी सदस्य आगा सैयद मोहसिन को 2,619 वोट मिले। हालांकि एआईपी ने इन इस्तीफों को ज्यादा अहमियत नहीं दी। एआईपी के मुख्य प्रवक्ता इनाम-उन-नबी ने बताया कि इन इस्तीफों से कोई खतरा नहीं है क्योंकि ज़मीनी कैडर और शुरुआती वफादार जेल में बंद चीफ इंजीनियर राशिद के विज़न के प्रति पक्के तौर पर कमिटेड हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें कादरी से कोई फॉर्मल इस्तीफ़ा नहीं मिला है जिन्हें उन्होंने पिता जैसा इंसान बताया। उन्होंने आगे कहा कि इन इस्तीफों से पार्टी कमज़ोर नहीं होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

