जेके की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में दक्षता में सुधार हेतु विभाग की सराहना की

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जेके की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में दक्षता में सुधार हेतु विभाग की सराहना की


जम्मू, 6 अगस्त (हि.स.)। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के केंद्रीय अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार शांतमनु ने सुधारों और प्रौद्योगिकी की शुरूआत के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के समग्र परिवर्तन और सुव्यवस्थित करने के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले, जम्मू-कश्मीर विभाग की सराहना की है। एफसीएस एंड सीए विभाग, जम्मू-कश्मीर और एफसीआई के अधिकारियों के साथ एक बैठक में बातचीत करते हुए केंद्रीय अतिरिक्त सचिव ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली को परेशानी मुक्त, सुविधाजनक, विष्वसनीय और स्वच्छ बनाने के लिए विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।

इससे पहले आयुक्त सचिव एफसीएस एंड सीए जुबैर अहमद ने अपनी प्रस्तुति में सुधारों और नई पहलों पर जोर देते हुए विभाग के कामकाज का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने अतिरिक्त सचिव को बताया कि जम्मू-कश्मीर में 25.11 लाख राशन कार्ड धारक हैं जिनमें 98.62 लाख लाभार्थी शत-प्रतिशत आधार से जुड़े हुए हैं। आधार सीडिंग से दस लाख से अधिक डुप्लीकेट/फर्जी लाभार्थियों को हटाने में मदद मिली है। आयुक्त सचिव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली 6642 राशन दुकानों के एक मजबूत और व्यापक नेटवर्क के आसपास बनाई गई है और पूरे जम्मू-कश्मीर में सभी बिक्री दुकानों में ईपीओएस उपकरण स्थापित किए गए हैं और लेनदेन में 94 प्रतिषत की आधार प्रमाणीकरण दर के साथ वितरण प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित है। उन्होंने कहा कि 6377 पीओएस मशीनें ऑनलाइन मोड में काम कर रही हैं।

उन्होंने शांतमनु को यह भी बताया कि विभाग द्वारा अब तक एनएफएसए के तहत 54.46 लाख लाभार्थियों और एनपीएचएच के तहत 21.27 लाख लाभार्थियों की ईकेवाईसी पूरी कर ली गई है और इसे मिशन मोड में पूरा किया जा रहा है। विभाग ने भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार स्मार्ट पीडीएस के कार्यान्वयन के लिए भी कदम उठाए हैं।

वन नेशन-वन राशन कार्ड के बारे में जुबैर ने कहा कि अब तक 1.22 लाख ओएनओआरसी लेनदेन किए गए जिससे जम्मू-कश्मीर देश में 9वें स्थान पर पहुंच गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस अवधि के दौरान जम्मू-कश्मीर में लगभग 34 लाख पोर्टेबिलिटी (अंतर-जिला) लेनदेन भी किए गए। आयुक्त सचिव ने एफपीएस को बदलने के लिए की गई विभिन्न पहलों पर भी प्रकाश डाला। इनमें सीएससी सेवाएं प्रदान करने के लिए ईपीओएस उपकरणों का लाभ उठाने के लिए एफसीएस एंड सीए, जम्मू-कश्मीर विभाग और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना और सभी योजनाओं में एफपीएस कमीशन में बढ़ोतरी और एनएफएसए के तहत एफपीएस डीलरों को अग्रिम कमीशन का भुगतान करना शामिल है। भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा इस उद्देश्य के लिए धनराशि जारी करना लंबित है। आयुक्त सचिव द्वारा केंद्रीय मंत्रालय के हस्तक्षेप की आवश्यकता वाले कुछ लंबित मुद्दों को भी चिह्नित किया गया।

केंद्रीय अतिरिक्त सचिव ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भारतीय खाद्य निगम के कामकाज की भी समीक्षा की। इस संबंध में भारतीय खाद्य निगम के महाप्रबंधक द्वारा एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई जिसमें प्रतिभागियों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सुचारू पीडीएस सुनिश्चित करने में एफसीआई के विभिन्न प्रयासों के बारे में बताया गया। शांतमनु ने एफसीएस एंड सीए, जम्मू-कश्मीर और एफसीआई विभाग के अधिकारियों से निकट समन्वय करने और परेशानी मुक्त पीडीएस सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने आयुक्त सचिव, एफसीएस एंड सीए, जम्मू-कश्मीर द्वारा किए गए अनुरोधों पर हर संभव मदद का आष्वासन दिया जिसके समाधान के लिए केंद्रीय मंत्रालय के हस्तक्षेप की आवश्यकता है। बैठक में अब्दुल रशीद वार, निदेशक एफसीएस एंड सीए, कश्मीर, छत्रु नायक, महाप्रबंधक, एफसीआई, एस. के. दास, महाप्रबंधक, एफसीआई और खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग और खाद्य निगम के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा / बलवान सिंह

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