भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद जम्मू में पाकिस्तान विरोधी रैली

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भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद जम्मू में पाकिस्तान विरोधी रैली


भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद जम्मू में पाकिस्तान विरोधी रैली


जम्मू, 16 जुलाई (हि.स.)। मिशन स्टेटहुड के अध्यक्ष सुनील डिंपल ने जानीपुर हाई कोर्ट चौक रोड पर पाकिस्तान विरोधी रैली का नेतृत्व किया। यह रैली हाल ही में डोडा में मुठभेड़ में एक कैप्टन और पांच जवानों की शहादत के विरोध में आयोजित की गई थी। इस रैली में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने भाग लिया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, आईएसआई नेताओं और हाफिज सईद, अजहर मसूद और लश्कर-ए-तैयबा के पुतले जलाए। सभा को संबोधित करते हुए डिंपल ने जोश से कहा हमारे डोडा शहीदों, बहादुर सुरक्षा जवानों का बदला खून से लिया जायेगा।

डिंपल ने भाजपा सरकार की कथित निष्क्रियता की भी आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने छद्म युद्ध शुरू कर दिया है जिससे जम्मू क्षेत्र युद्ध के मैदान में बदल गया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक और सुरक्षा बलों से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आईएसआई मॉड्यूल और स्लीपर सेल को खत्म करने के लिए ऑपरेशन ऑल आउट शुरू करने का आह्वान किया।

उन्होंने भाजपा और एनडीए सरकार के इस्तीफे की मांग की जिसमें सुरक्षा बनाए रखने में उनकी पूरी तरह से विफलता का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद को संबोधित करने और विदेशी प्रशिक्षित आतंकवादी घुसपैठ के बारे में जवाब देने के लिए एक विशेष संसद सत्र बुलाने का आग्रह किया। उन्होंने तर्क दिया कि पिछले एक दशक से भाजपा आतंकवाद को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के बजाय केवल राजनीतिक पैंतरेबाजी में लगी हुई है खासकर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की कमजोरियों के कारण जम्मू में स्थिति बिगड़ रही है और केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में देरी करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। कठुआ, सांबा, डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह, बसोली, पुंछ, राजौरी और अरनिया समेत विभिन्न क्षेत्रों में हाल ही में हुए हमलों और लक्षित हत्याओं पर प्रकाश डालते हुए डिंपल ने बढ़ती घुसपैठ और कमजोर होती सीमा सुरक्षा पर जोर दिया। डिंपल ने मांग की कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक शुरू करे और पाकिस्तान के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध छेड़े ताकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और गिलगित-बाल्टिस्तान को मुक्त कराया जा सके और उन्हें जम्मू-कश्मीर में शामिल किया जा सके। उन्होंने आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। भारतीय सेना के प्रति अटूट समर्थन व्यक्त करते हुए डिंपल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग पीओके को एकीकृत करने के उनके प्रयासों में सेना के साथ मजबूती से खड़े हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा / बलवान सिंह

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