दो समुदायों के बीच हुई झड़प से संबंधित एक भ्रामक वीडियो अपलोड करने के आरोप में एक व्यक्ति हिरासत में
जम्मू, 29 दिसंबर (हि.स.)। पुलिस ने सोमवार को बताया कि किश्तवाड जिले में दो समुदायों के बीच हुई झड़प से संबंधित एक भ्रामक वीडियो अपलोड करने के आरोप में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग के खिलाफ नागरिकों को चेतावनी देते हुए एक सार्वजनिक सलाह जारी की है। इसी से संबंधित एक घटनाक्रम में किश्तवाड के जिला मजिस्ट्रेट पंकज कुमार शर्मा ने सोमवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी कर जिले में डिजिटल समाचार और समसामयिक सामग्री को नियंत्रित करने वाले वैधानिक ढांचे के सख्त विनियमन और अनुपालन का निर्देश दिया है
। यह आदेश विशेष रूप से बिना पंजीकरण, सत्यापन या जवाबदेही के समाचार और समसामयिक घटनाओं की रिपोर्टिंग करने वाले अपंजीकृत ऑनलाइन समाचार पोर्टलों और सोशल मीडिया पेजों की बढ़ती संख्या को लक्षित करता है जिसे प्रशासन ने गलत सूचना और सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी का गंभीर खतरा बताया है। यह आदेश किश्तवाड जिले के नागसेनी क्षेत्र के एक दूरस्थ गांव में दो समुदायों के बीच हुई झड़प के बाद जारी किया गया है जिसमें कुछ लोग घायल हो गए थे।
पुलिस ने बताया कि घटना को सांप्रदायिक रंग देने वाला वीडियो अपलोड करने के आरोप में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। पुलिस के अनुसार रविवार को एक समुदाय के लोग जंगल से लकड़ियां ला रहे थे तभी एक लकड़ी फिसलकर एक मदरसे के पास रुक गई। पुलिस ने बताया कि इसके चलते पद्यारना पुलिस चौकी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले दो समुदायों के बीच कहासुनी हो गई जो बाद में दोनों ओर से पत्थरबाजी में बदल गई और कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं। पुलिस ने आगे बताया कि इस संबंध में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 125, 125(ए) और 191(2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है।
पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘इसी बीच आज (सोमवार) किश्तवाड के एक व्यक्ति ने घटना का वीडियो अपलोड किया है जिसमें इसे एक धार्मिक स्थल पर हमला बताया गया है और इसे सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया गया है जिससे सार्वजनिक शांति और व्यवस्था भंग हुई है।’ इस संबंध में किश्तवार पुलिस स्टेशन में धारा 353 बीएनएस के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई है और संबंधित व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है।
सलाह में कहा गया है, “आम जनता को सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते समय अत्यधिक सावधानी और जिम्मेदारी बरतने की सलाह दी जाती है। ऐसे कृत्यों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
इसके अलावा, जिला मजिस्ट्रेट ने किश्तवाड में अपंजीकृत ऑनलाइन समाचार पोर्टलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के नियमन का आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अपंजीकृत या अनधिकृत ऑनलाइन समाचार पोर्टलों और सोशल मीडिया समाचार प्लेटफॉर्मों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का अनुपालन किए बिना किसी भी प्रकार की समाचार या समसामयिक सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि इन सभी संस्थाओं को निर्धारित आचार संहिता का पालन करने का निर्देश दिया गया है और चेतावनी दी है कि डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर भ्रामक, झूठी या भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साइबर कैफे संचालकों को पहचान सत्यापन मानदंडों को लागू करने और उपयोगकर्ताओं का उचित रिकॉर्ड बनाए रखने का निर्देश दिया गया है।
आदेश के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए किश्तवाड जिला सूचना अधिकारी को जिले में संचालित सभी पंजीकृत और अपंजीकृत ऑनलाइन समाचार पोर्टलों, मीडिया संगठनों और सोशल मीडिया समाचार हैंडलों की सत्यापित सूची सात दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है जबकि किश्तवाड के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आदेश के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है। परिस्थिति की तात्कालिकता को देखते हुए एकतरफा पारित किया गया यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और दो महीने तक प्रभावी रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

