भारतीय सेना की टीए भर्ती में जम्मू-कश्मीर के पुंछ में भारी संख्या में युवा शामिल हुए

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पुंछ, 9 दिसंबर(हि.स.)। ऑपरेशन सिन्दूर के कुछ दिनों बाद जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सुरनकोट शहर में भारतीय सेना की प्रादेशिक सेना (टीए) भर्ती अभियान को हजारों युवा उम्मीदवारों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। रोजगार के अवसर प्रदान करने और स्थानीय जुड़ाव को मजबूत करने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर की गई पहल 15 दिसंबर तक जारी रहेगी और इसमें पूरे केंद्र शासित प्रदेश से 30,000 से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है।

एक प्रतिभागी ने महत्वपूर्ण समय पर अभियान आयोजित करने के लिए सेना के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी के बीच इस भर्ती अभियान के लिए हम भारतीय सेना के आभारी हैं। आज लगभग 1500 से 2000 लड़कों ने भाग लिया यह पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष है और केवल 5 मिनट की कड़ी मेहनत से हमारा भविष्य उज्ज्वल है मेरा परिवार चाहता था कि मैं सेना में जाऊं और देश की सेवा करूं। एक अन्य आकांक्षी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस तरह की पहल क्षेत्र के युवाओं को नशीली दवाओं की लत से दूर और सार्थक करियर की ओर ले जाने में मदद करती है। यह युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर है जो नशे की लत की ओर बढ़ रहे हैं अब तक 2,000 लोग आ चुके हैं और 30,000 तक युवा भाग ले सकते हैं। भर्ती पारदर्शी और निष्पक्ष थी हम इसके लिए भारतीय सेना के आभारी हैं एक अन्य आकांक्षी ने प्रकाश डाला।

इस बीच भारतीय सेना की पुंछ ब्रिगेड की घड़ी बटालियन ने रविवार को पुंछ से देहरादून तक राष्ट्रीय एकता यात्रा को हरी झंडी दिखाई जिसका उद्देश्य छात्रों को भारतीय सेना के विविध सांस्कृतिक और परिचालन पहलुओं से परिचित कराना है।

पहल के बारे में बोलते हुए एक भाग लेने वाले छात्र ने कहा कि आज हमारी राष्ट्रीय एकता यात्रा पुंछ ब्रिगेड सेना की ओर से देहरादून जा रही है और यह हमारे लिए एक बड़ा अवसर है।

प्रत्येक स्कूल से दो या तीन छात्र गए हैं हमें देहरादून ले जाया जाएगा और यह दौरा लगभग 10 दिनों का होगा। यह हमें स्थानीय संस्कृति, ब्रिगेड सेना के विभिन्न पहलुओं और भारत में होने वाली सभी चीजों से परिचित कराएगा ।

एक अन्य छात्रा शाइस्ता माजिद ने अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज पुंछ ब्रिगेड सभी बच्चों को एक बड़ा अवसर प्रदान कर रही है। हमें पुंछ से देहरादून ले जाया जाएगा जहां हमें कई अवसर दिए जाएंगे ऑपरेशन सिंदुर के बाद भी यह हमारा पहला मौका है जब हम वहां जा रहे हैं। हमारे लिए इतना बड़ा कदम उठाने के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं.।

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हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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