संस्कृत माह के चलते निकाली गई भव्य रैली, पौधारोपण भी चलाया
जम्मू, 7 अगस्त (हि.स.)। बुधवार को श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट ने संस्कृत माह के चलते नगरोटा विधानसभा के गवर्मेंट हायर सेकंडरी स्कूल घरोटा से सगुण पैलेस तक देववाणी संस्कृत को बढ़ावा देने और नशा मुक्ति के लिए भव्य जागरुकता रैली निकालीऔर समाज को नशे से दूर रहने, संस्कृत के महत्त्व का भी संदेश दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ पौधारोपण और वितरण से हुआ। रैली में मुख्य अतिथि भाजपा वरिष्ठ नेता नगरोटा विधानसभा के पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा रहे।
इस अवसर देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि लोगों को नशे की बुराइयों से अवगत कराने के लिए ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री जी द्वारा इस जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति से ही परिवार में सुख,समृद्धि व खुशहाली आती है और जागरूकता से ही नशा से किसी को मुक्त कराया जा सकता है सामाजिक जागरूकता से ही नशे पर लगाम लगाना संभव होता है नशामुक्ति से ही एक खुशहाल परिवार, अच्छा समाज और मुस्कुराता सुलतानगंज संभव है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने में विज्ञान व टेक्नोलॉजी का भी सहयोग लेने पर बल दिया।
उन्होंने कहा मंदिरों के शहर के कारण हमारी पहचान है। संस्कृत हमारे परिवेश से जुडी भाषा है। उन्होंने कहा कि सभी भाषाओं की जननी देववाणी संस्कृत को बढ़ावा देना भी हम सबकी जिम्मेदारी है। देववाणी संस्कृत हमें भारत की आत्मा को समझने में मदद करती है। अगर किसी को भारतीय विश्वदृष्टि को समझना है तो संस्कृत सीखनी होगी। संस्कृत हमारी सांस्कृतिक परंपराओं का प्रमुख आधार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में संस्कृत के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व की अनेक भाषाएं संस्कृत से विकसित हुई हैं।
दिल बहादुर सिंह ने कहा कि ने कहा कि नशा हर रूप में स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। नशे में व्यक्ति अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है। क्यों कि ऐसे ही व्यक्ति अपराधों को बढावा देता है। इसलिए हमें नशे से दुर रहना चाहिए। ट्रस्ट का अच्छा प्रयास है कि प्रदेश में संस्कृत को बढ़ावा दे रहे हैं संस्कृत, विश्व को एकता के सूत्र में बाँधती है। संस्कृत का साहित्य अत्यन्त प्राचीन, विशाल और विविधतापूर्ण है।
महंत रोहित शास्त्री ने कहा कि संस्कृत अखंड भारत की अवधारणा और विविधता में एकता सुनिश्चित करने वाले सूत्र को साथ लेकर चलती है जो अद्वितीय भारतीय सभ्यता और संस्कृति को रेखांकित करती है। उन्होंने कहा कि उनका ट्रस्ट संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। प्राचीन भारतीय ज्ञान और ज्ञान परम्परा की गौरवशाली विरासत संस्कृत भाषा और साहित्य में निहित है। शास्त्री ने कहा कि पूरे माह देववाणी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए भव्य कार्यक्रम होंगे और हो भी रहे हैं। संस्कृत माह का समापन 19 अगस्त श्रावण पूर्णिमा के दिन होगा।
बच्चों द्वारा नशा मुक्त और संस्कृत को बढ़ावा देने को लेकर कई स्लोगन तैयार किए गए थे, जिसे तख्ती पर लेकर पूरे घरोटा का भ्रमण करते हुए लोगों को जागरूक किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा / बलवान सिंह
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