मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गणतंत्र दिवस परेड-2025 में अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर, लद्दाख एनसीसी कैडेटों की सराहना की

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जम्मू 03 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के राष्ट्रीय कैडेट कोर कैडेटों की उपलब्धियों की सराहना की और नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान उनके उल्लेखनीय प्रतिनिधित्व पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने यह बात जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के 127 एनसीसी कैडेटों के लिए आयोजित एक संवाद कार्यक्रम के दौरान की, जिन्होंने 2025 के गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया था।

इस कार्यक्रम में युवा सेवा एवं खेल मंत्री सतीश शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता, एनसीसी निदेशालय जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल अनुपिंदर बेवली सहित अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

परेड में सभी महिला एनसीसी दल की कमान संभालने वाली जम्मू-कश्मीर की महिला कैडेट की असाधारण उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। दल का नेतृत्व करने वाली उनकी तस्वीरें विष्व स्तर पर गूंजीं जो अनुशासन और एकता के प्रति जम्मू-कश्मीर की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।

सीएम अब्दुल्ला ने कहा उन्होंने सिर्फ जम्मू-कश्मीर के 17 कैडेटों का नेतृत्व नहीं किया उन्होंने न केवल हमारे देश बल्कि वैश्विक दर्शकों के सामने गर्व से मार्च करते हुए लड़कियों की पूरी राष्ट्रीय टुकड़ी की कमान संभाली। भारत में गणतंत्र दिवस केवल कर्तव्य पथ पर उपस्थित लोगों या टेलीविजन देखने वालों द्वारा नहीं देखा जाता है इसे दुनिया भर में प्रसारित किया जाता है। दुनिया ने देखा कि जम्मू-कश्मीर क्या दे रहा है।

कैडेटों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके समर्पण और भावना की सराहना की जो उन्होंने राष्ट्रीय मंच पर लाया। उन्होंने कहा कर्तव्य पथ पर आपकी उपस्थिति न केवल व्यक्तिगत समर्पण बल्कि हमारे क्षेत्र की जीवंत भावना का भी प्रतीक है। इस साल जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के 127 कैडेटों-सैन्य कैडेटों, सहायक कर्मचारियों और प्रशिक्षकों के साथ ने बेहद गर्व के साथ हमारा प्रतिनिधित्व किया।

मुख्यमंत्री ने कैडेटों के सांस्कृतिक प्रदर्शन की भी सराहना की जिसने देश भर की टीमों के बीच तीसरा पुरस्कार जीता। उन्होंने कहा “यह उपलब्धि आपकी कड़ी मेहनत और एकता के बारे में बहुत कुछ कहती है। हमारी भूमि की समृद्ध परंपराओं से जुड़ी आपकी सांस्कृतिक प्रस्तुति ने कई लोगों का दिल जीत लिया और जम्मू-कश्मीर को सम्मान दिलाया।

एनसीसी कैडेट के रूप में अपने स्कूल के दिनों के दौरान अपने व्यक्तिगत अनुभवों को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने साझा किया आपकी जीत मुझे मेरे स्कूल के दिनों में वापस ले जाती है। हालाँकि मुझे राजपथ पर मार्च करने का सौभाग्य कभी नहीं मिला लेकिन हेड बॉय और एनसीसी कैडेट के रूप में मेरे समय ने मुझे नेतृत्व और अनुशासन में अमूल्य सबक सिखाया। स्पष्ट आदेश, सौहार्द और टीम वर्क की भावना जीवन भर मेरे साथ रही।

उन्होंने युवा दिमाग को आकार देने में एनसीसी की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित किया। मुख्यमंत्री ने आज के युवाओं के सामने आने वाले शैक्षणिक दबावों को स्वीकार किया और इन चुनौतियों के बावजूद एनसीसी के प्रति समर्पण के लिए कैडेटों की प्रशंसा की। उन्होंने एनसीसी से परे जीवन मूल्यों को आकार देने में उनके महत्व पर जोर देते हुए कैडेटों से इन अवसरों संबंधों को संजोने का आग्रह किया। कैडेटों को अपने समुदायों में रोल मॉडल बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उनसे नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ खड़े होने और इस खतरे से निपटने में अपनी सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने संदेश को प्रधान मंत्री के नशा मुक्त भारत के दृष्टिकोण के साथ जोड़ते हुए कहा मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अपनी एनसीसी भावना को हमारे युवाओं को नशीली दवाओं के संकट से बचाने में लगाएं। रोल मॉडल के रूप में आपका प्रभाव गहरा है। यदि आप किसी सहकर्मी को लड़खड़ाते हुए देखें तो हाथ बढ़ाएँ। अनुशासन की अपनी कहानियाँ साझा करें और उन्हें उद्देश्य का मार्ग दिखाएं और उनका मार्गदर्शन करें।

अपने संबोधन का समापन करते हुए मुख्यमंत्री ने कैडेटों से एनसीसी के गौरव और मूल्यों को अपने रोजमर्रा के जीवन में आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा सहानुभूति के साथ नेतृत्व करें, अपने मूल्यों पर दृढ़ रहें और याद रखें हमारे राष्ट्र की सबसे बड़ी सेवा दूसरों को ऊपर उठाने में है। आइए हम सब मिलकर एक ऐसे भविष्य का निर्माण करें जहां जम्मू, कश्मीर और लद्दाख और संपूर्ण भारत आशा और एकता की किरण के रूप में चमकें।

इस अवसर पर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के कई एनसीसी कैडेटों ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस शिविर से अपने अनुभव साझा किए।

हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी

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