मीरवाइज उमर फारूक को जुम्मत-उल-विदा, शब-ए-कद्र और ईद-उल-फितर के पवित्र अवसरों पर प्रार्थना का नेतृत्व करने की अनुमति मिली

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जम्मू, 03 अप्रैल (हि.स.)। मुख्य मौलवी के कार्यालय ने बुधवार को कहा कि प्रशासन ने आखिरकार पांच साल बाद गतिरोध तोड़ने का फैसला किया है, जिससे मीरवाइज उमर फारूक को जुम्मत-उल-विदा, शब-ए-कद्र और ईद-उल-फितर के पवित्र अवसरों पर प्रार्थना का नेतृत्व करने की अनुमति मिल गई है।

इसमें कहा गया कि मीरवाइज की अध्यक्षता में अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद की एक बैठक भी आज हुई, जहां ऐतिहासिक जामा मस्जिद में पवित्र अवसरों पर उपासकों के लिए सुविधाएं प्रदान करने की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया गया। खासकर दूर-दराज से आने वाले आस्थावानों के लिए व्यवस्था की समीक्षा की गयी।

यह निर्णय लिया गया कि जुम्मत-उल-विदा की नमाज दोपहर 2:30 बजे पढ़ी जाएगी, जबकि मीरवाइज दोपहर 12:40 बजे उपदेश शुरू करेंगे और शब-ए-कद्र पर तरावीह की नमाज रात 10:30 बजे पढ़ी जाएगी। इसमें कहा गया कि मीरवाइज ने अधिकारियों को बिजली, पानी, सफाई और पवित्र अवसरों के लिए कालीन बिछाने जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करते हुए अपनी जिम्मेदारियां पर्याप्त रूप से निभाने का निर्देश दिया।

बैठक में जम्मू-कश्मीर प्रशासन से इन पवित्र दिनों के दौरान जामा मस्जिद परिसर के अंदर बिजली आपूर्ति, पानी की उपलब्धता और यातायात प्रबंधन में सुधार सुनिश्चित करने और इसके आसपास सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने का भी आग्रह किया गया।

जुम्मत-उल-विदा के अवसर पर केंद्रीय मस्जिद में भारी संख्या में नमाजियों के जुटने की उम्मीद करते हुए लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने साथ अपनी प्रार्थना चटाइयां लेकर आएं।

हिन्दुस्थान समाचार/बलवान/आकाश

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