सैनधार क्षेत्र की संस्कृति को विश्व पटल पर प्रदर्शित करने के लिए नारग में होगा दो दिवसीय सैनधार उत्सव
नाहन, 15 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के गठन के लिए पहली बैठक आयोजित करने वाले जिला सिरमौर के सैनधार क्षेत्र की समृद्ध धार्मिक, आर्थिक एवं पारंपरिक संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से नारग में दो दिवसीय सैंणधार उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय सैंणधार उत्सव में नशे के खिलाफ छात्र-छात्राओं तथा ग्रामीणों को जागरूक करना भी उत्सव का मुख्य उद्देश्य है।
सिरमौर के सराहां में आयोजित पत्रकार वार्ता में को संबोधित करते हुए सैनधार उत्सव कमेटी की मुख्य फाउंडर भावना ने कहा कि सैनधार क्षेत्र की सांस्कृतिक समृद्धि को विश्व पटल पर प्रदर्शित करने के लिए सैनधार उत्सव का नारग में दो दिवसीय आयोजन किया जा रहा है। जिला सिरमौर के सैनधार क्षेत्र प्रदेश में धार्मिक, आर्थिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक रूप में विशेष योगदान रहा है। हिमाचल निर्माता एवं प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ वाईएस परमार भी सैनधार क्षेत्र से ही थे। बेचढ़ बाग से लेकर नारग कालाघाट क्षेत्र की 27 पंचायतें सैनधार क्षेत्र में आती हैं।ने बताया कि सैंणधार क्षेत्र जिला सिरमौर की तीन प्रमुख नदियों गिरी, जलाल व कव्वाल का संगम है।
उन्होने बताया कि सैनधार उत्सव का शुभारंभ 20 दिसंबर को जिला सिरमौर की उपायुक्त प्रियंका वर्मा करेंगे। दो दिवसीय उत्सव में सैनधार क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति, पारंपरिक व पुरानी वेशभूषा का मंचन भी किया जाएगा। साथ ही विश्व पटल पर सैनधार क्षेत्र की समृद्धि को पहचान दिलाने वाली विभिन्न विभूतियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर

