बैंक कर्मचारियों का पाँच दिन कार्य सप्ताह की मांग को लेकर प्रदर्शन
शिमला, 30 दिसंबर (हि.स.)। बैंकिंग इंडस्ट्री में पाँच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने की मांग को लेकर बैंक कर्मचारियों ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के सभी बड़े शहरों में प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बैनर तले बैंक शाखाओं और कार्यालयों के सामने किया गया। इसी मांग को लेकर देशभर में भी बैंक कर्मचारियों ने एक साथ विरोध प्रदर्शन किया।
यूएफबीयू हिमाचल प्रदेश के संयोजक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों पर लगातार काम का दबाव बढ़ रहा है, जिससे शारीरिक और मानसिक तनाव भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की भारी कमी के कारण बैंक स्टाफ को तय समय से कहीं अधिक काम करना पड़ता है। ऐसे में पाँच दिन का कार्य सप्ताह लागू करना समय की जरूरत है और यह मांग पूरी तरह जायज है।
नरेंद्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 में हुए 10वें द्विपक्षीय समझौते और 7वें संयुक्त नोट के तहत यह व्यवस्था की गई थी कि हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी रहेगी, जबकि बाकी शनिवार पूरे कार्य दिवस होंगे। इसके बाद 7 दिसंबर 2023 को इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) और वर्कमैन यूनियनों के बीच यह सहमति बनी कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत सभी शनिवार को छुट्टी घोषित की जाए। इस सहमति के बाद आईबीए ने केंद्र सरकार को इसकी सिफारिश भी भेजी है।
उन्होंने कहा कि काम के घंटों में आवश्यक बदलाव भारत सरकार की मंजूरी और सरकार तथा भारतीय रिज़र्व बैंक से जरूरी अनुमति मिलने के बाद ही लागू किए जा सकते हैं। इस मुद्दे को सरकार की मंजूरी के लिए भेजे हुए लगभग दो साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सरकार को यह अच्छी तरह पता है कि यह यूएफबीयू की प्रमुख मांगों में से एक है।
नरेंद्र शर्मा ने कहा कि लगातार बढ़ते काम के बोझ, स्टाफ की कमी और लक्ष्यों के दबाव के कारण बैंक कर्मचारी और अधिकारी अत्यधिक तनाव में काम कर रहे हैं। ऐसे में सभी शनिवार को छुट्टी घोषित कर पाँच दिन का कार्य सप्ताह लागू करना कर्मचारियों के हित में है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मांग पर जल्द फैसला लेने की अपील की, जिससे बैंक कर्मचारियों को राहत मिल सके और वे बेहतर तरीके से अपनी सेवाएं दे सकें।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

