डिजिटल युग में ई-संसाधनों के उपयोग की विवेकपूर्ण आवश्यकता : कुलपति

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डिजिटल युग में ई-संसाधनों के उपयोग की विवेकपूर्ण आवश्यकता : कुलपति


धर्मशाला, 16 दिसंबर (हि.स.)। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विश्वविद्यालय पुस्तकालय द्वारा मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग एवं पठन-संस्कृति को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक विशेष शैक्षणिक एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. अशोक कुमार पांडा ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी, अधिकारी तथा पुस्तकालय कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कुलपति डॉ. पांडा ने कहा कि वर्तमान डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों का व्यापक एवं विवेकपूर्ण उपयोग समय की अनिवार्यता बन चुका है। उन्होंने ई-जर्नल्स, ई-बुक्स, ऑनलाइन डाटाबेस तथा अन्य डिजिटल मंचों को शिक्षण, अधिगम एवं अनुसंधान के लिए अत्यंत उपयोगी बताते हुए सभी वर्गों से निरंतर अध्ययन एवं पठन-अभ्यास की आदत विकसित करने का आह्वान किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. कमल देव शर्मा ने पुस्तकालय द्वारा उपलब्ध कराई जा रही आधुनिक सुविधाओं एवं सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पारंपरिक मुद्रित संग्रह के साथ-साथ पुस्तकालय डिजिटल लाइब्रेरी, ई-संसाधनों, ऑनलाइन डाटाबेस एवं अन्य नवाचारी सेवाओं के माध्यम से शैक्षणिक एवं अनुसंधान गतिविधियों को सशक्त बना रहा है। तकनीकी विशेषज्ञ अरुण कालिया ने तकनीकी सत्र का संचालन करते हुए ई-संसाधनों के उपयोग की प्रक्रियाओं को सरल एवं स्पष्ट रूप में समझाया।

कार्यक्रम में यह भी जानकारी दी गई कि एससीएसपी परियोजना “अनुसूचित जाति एवं जनजाति विद्यार्थियों को क्षमता निर्माण, डिजिटल संसाधनों एवं कौशल विकास के माध्यम से सशक्त बनाना” के अंतर्गत, प्रधान अन्वेषक डॉ. अभिषेक गुलेरिया (सहायक प्राध्यापक, गणित) के नेतृत्व में विभिन्न विषयों से संबंधित उपयोगी पुस्तकें एवं इलेक्ट्रॉनिक संसाधन विश्वविद्यालय पुस्तकालय हेतु प्रदान किए गए हैं, जिनसे विशेष रूप से अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को शैक्षणिक एवं अनुसंधान कार्यों में लाभ मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया

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