कांगड़ा वैली कार्निवल को मिला सरकारी दर्जा, पर्यटन को मिलेगी नई पहचान : देवेन्द्र जग्गी

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कांगड़ा वैली कार्निवल को मिला सरकारी दर्जा, पर्यटन को मिलेगी नई पहचान : देवेन्द्र जग्गी


धर्मशाला, 18 दिसंबर (हि.स.)।

धर्मशाला नगर निगम के पूर्व महापौर देवेन्द्र जग्गी ने कहा कि कांगड़ा जिले के लिए यह अत्यंत गर्व और ऐतिहासिक क्षण है कि कांगड़ा वैली कार्निवल को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से सरकारी उत्सव का दर्जा प्रदान किया गया है। सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना जारी किए जाने के साथ ही यह उत्सव अब प्रत्येक वर्ष 24 से 31 दिसंबर तक पुलिस मैदान धर्मशाला में नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा।

देवेन्द्र जग्गी ने कहा कि अब तक कांगड़ा वैली कार्निवल का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर किया जाता था, जिसके चलते बजट की सीमाएं और तिथियों में अस्थिरता बनी रहती थी। कभी यह उत्सव सितंबर में तो कभी नवंबर में आयोजित होता था, जिससे न तो पर्यटकों को स्पष्ट जानकारी मिल पाती थी और न ही आयोजन को अपेक्षित भव्यता मिलती थी।

सरकारी दर्जा मिलने से अब न केवल बजट की कोई कमी नहीं रहेगी, बल्कि यह आयोजन प्रदेश सरकार के वार्षिक आधिकारिक कैलेंडर का स्थायी हिस्सा बन गया है।

उन्होंने कहा कि 24 से 31 दिसंबर की निश्चित तिथि तय होना अपने आप में एक दूरदर्शी निर्णय है, क्योंकि इसी अवधि में क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक धर्मशाला और कांगड़ा घाटी का रुख करते हैं। ऐसे में कांगड़ा वैली कार्निवल पर्यटकों के लिए एक अतिरिक्त और विशिष्ट आकर्षण के रूप में उभरेगा।

पूर्व महापौर ने कहा कि इस कार्निवल के माध्यम से कांगड़ा जिले में पर्यटन गतिविधियों को नई गति मिलेगी और होटल, टैक्सी, रेस्टोरेंट, हस्तशिल्प, स्थानीय व्यापारियों एवं स्वरोजगार से जुड़े लोगों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचेगा। यह आयोजन कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।

देवेन्द्र जग्गी ने बताया कि कांगड़ा वैली कार्निवल के दौरान ड्रोन शो, फैशन शो, रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, मैराथन, खेल प्रतियोगिताएं, मिलेट फेस्टिवल तथा स्थानीय कला एवं हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए क्राफ्ट बाजार जैसे अनेक आकर्षक आयोजन होंगे, जो प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच प्रदान करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया

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