काँगड़ा चाय, लाहौल आलू और कुल्लू बुनकर सोसाइटी को पुनः सक्रिय करने की जरूरत: मुकेश अग्निहोत्री

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काँगड़ा चाय, लाहौल आलू और कुल्लू बुनकर सोसाइटी को पुनः सक्रिय करने की जरूरत: मुकेश अग्निहोत्री


शिमला, 29 दिसंबर (हि.स.)। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश की प्रमुख सहकारी सोसाइटियों के पुनः सक्रिय होने की आवश्यकता पर जोर दिया। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि काँगड़ा की चाय सोसाइटी, लाहौल की आलू सोसाइटी और कुल्लू की हिम बुनकर सोसाइटी को फिर से सक्रिय करने के लिए नाबार्ड को इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और सहकारिता क्षेत्र को मिलकर इन सोसाइटियों को पुनर्जीवित करने के उपायों पर विचार करना होगा।

उपमुख्यमंत्री सोमवार को शिमला में नाबार्ड द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल नेटवर्क के विस्तार के लिए नाबार्ड के साथ मिलकर लगभग 110 करोड़ रुपये की पूंजी जारी करने का निर्णय लिया गया है। यह राशि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए उपयोग की जाएगी, जिससे पर्यावरणीय दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके अतिरिक्त, उप-मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दूध समितियों के गठन की बात भी की, जिसके तहत अब तक 900 समितियों का गठन किया जा चुका है। उन्होंने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी हिमाचल प्रदेश की सक्रियता को रेखांकित करते हुए कहा कि जो लोग हिमाचल में सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें 100 वाट तक की अनुमति दी जा सकती है, और इसके लिए सब्सिडी का भी प्रावधान है।

मुकेश अग्निहोत्री ने सहकारी बैंकों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन बैंकों में लोगों की जो पूंजी है, वह केवल पैसे की नहीं, बल्कि लोगों के विश्वास की पूंजी है। यह विश्वास कभी भी टूटना नहीं चाहिए, क्योंकि सहकारी बैंक और सोसाइटी का अस्तित्व इसी विश्वास पर आधारित है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भुट्टिको ब्रांड के महत्व को बताया, जो न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बना चुका है। उन्होंने उदाहरण दिया कि प्रधानमंत्री भी कुल्लवी टोपी पहनते हैं और जब वे राष्ट्राध्यक्षों से मिलते हैं, तो हिमाचल का नाम गर्व से लिया जाता है।

शिक्षा के क्षेत्र में भी सहकारिता के योगदान को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि हिम कैप्स द्वारा ऊना जिले में सहकारी जगत का पहला लॉ कॉलेज खोला गया है, जहां से निकले वकील और जज आज सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा इसी सहकारी संस्था ने नर्सिंग संस्थान भी खोला है, जिससे देशभर में नर्सों की सेवा मिल रही है।

धारा 118 के तहत हिमाचलियों को दी जाने वाली छूट के बारे में भी उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बिल को सेलेक्ट समिति के पास भेजा गया है और बजट सत्र तक इसका कोई समाधान निकाला जाएगा। इस छूट से हिमाचलियों को जमीन संबंधित समस्याओं में राहत मिलेगी, जिससे उन्हें विभिन्न परियोजनाओं के लिए अनुमति प्राप्त करने में आसानी होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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