एसटीपी मजदूरों का शिमला में प्रदर्शन, सात दिन में मांगें पूरी करने का आश्वासन
शिमला, 15 दिसंबर (हि.स.)। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन से जुड़ी सीटू की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी के आह्वान पर जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय शिमला में सोमवार को प्रदेशभर के एसटीपी मजदूरों ने अपनी मांगों और श्रम कानूनों के पालन को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के बाद यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने जल शक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा से मुलाकात कर पंद्रह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। प्रदर्शन के दौरान यूनियन नेताओं ने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवरेज नेटवर्क में काम कर रहे मजदूरों को न्यूनतम वेतन से तीन से चार हजार रुपये कम भुगतान किया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है।
उन्होंने मांग की कि सभी मजदूरों को तय न्यूनतम वेतन दिया जाए और वेतन देने में दो से छह महीने की देरी की जो प्रथा चल रही है, उसे तुरंत बंद किया जाए। यूनियन ने यह भी कहा कि मजदूरों को हर महीने की सात तारीख से पहले वेतन मिलना चाहिए। यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्तूबर 2016 के फैसले का हवाला देते हुए समान काम के लिए समान वेतन लागू करने और 12 मार्च 2024 के फैसले के अनुसार एसटीपी और नेटवर्क के मजदूरों को नियमित करने की मांग की।
उनका कहना था कि सीवरेज का काम सामान्य काम की तुलना में कहीं अधिक जोखिम भरा होता है, क्योंकि इसमें जहरीली और ज्वलनशील गैसों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन मजदूरों के लिए अलग वेतन शेड्यूल बनाया जाए और उन्हें न्यूनतम वेतन से कम से कम 40 प्रतिशत अधिक वेतन दिया जाए। मजदूर संगठनों ने यह भी मांग रखी कि सभी एसटीपी को फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत किया जाए और इस कानून के तहत मिलने वाली सभी सुविधाएं मजदूरों को दी जाएं। मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 और राष्ट्रीय सफाई आयोग की सिफारिशों के अनुसार मजदूरों को पूरे सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। इसके साथ ही कानून का उल्लंघन करने वालों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सख्त कार्रवाई की मांग की गई। अन्य मांगों में सभी मजदूरों को पहचान पत्र जारी करना, महिला और पुरुष मजदूरों के लिए अलग-अलग चेंजिंग रूम, बाथरूम, लॉन्ड्री और शौचालय की सुविधा, नेटवर्क मजदूरों के लिए भोजन और औजार रखने के कमरे, सभी एसटीपी में सुरक्षित पेयजल व्यवस्था, पुराने स्टाफ क्वार्टरों की मरम्मत और नए क्वार्टरों का निर्माण शामिल है।
यूनियन ने सर्दी और गर्मी के अनुसार वर्दी, ईपीएफ और ईएसआई की सभी त्रुटियों को ठीक करने, बकाया राशि जमा करने, बोनस देने, सभी प्रकार की छुट्टियां लागू करने और वरिष्ठता के आधार पर हर साल वेतन बढ़ोतरी की भी मांग की। प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने यूनियन को आश्वासन दिया कि मजदूरों की मांगों को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों के पालन, हर महीने सात तारीख तक वेतन भुगतान, न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ईएसआई, पहचान पत्र, वर्दी, छुट्टियां, वेतन पर्ची और चेंजिंग रूम जैसी सुविधाओं को लेकर सात दिन के भीतर लिखित आदेश जारी किए जाएंगे। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

