एंबुलेंस कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल के दूसरे दिन विरोध स्वरूप निकाली शवयात्रा, चौहटा में किया दहन

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एंबुलेंस कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल के दूसरे दिन विरोध स्वरूप निकाली शवयात्रा, चौहटा में किया दहन


मंडी, 27 दिसंबर (हि.स.)। सीटू से सबंधित एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर जारी दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन मंडी शहर में पुतले की शवयात्रा निकाली और ऐतिहािसक चौहटा बाजार में उसका दहन किया। जिसके चलते शनिवार को भी मंडी ज़िला के एंबुलेंस कर्मचारी पूर्ण हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों ने ज़िला मुख्यालय मंडी में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और शहर में शवयात्रा निकाली।

मंडी में हुए प्रदर्शन का नेतृत्व यूनियन के ज़िला प्रधान सुमित कपूर, महासचिव पंकज कुमार,संतोष कुमारी, ममता शर्मा, रजनी, तिलक राज, योगेश कुमार, चमन लाल, मनोज कुमार, रजनीश, हंसराज व सीटू के ज़िला महासचिव राजेश शर्मा, सुरेश सरवाल, गोपेंद्र आदि शामिल रहे। यूनियन व सीटू पदाधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी जो नेशनल हेल्थ मिशन में मेडस्वान फाउंडेशन कंपनी द्वारा वर्ष 2022 में नियुक्त किए हैं जो पूरे प्रदेश में तेरह सौ के करीब हैं। इससे पूर्व ये सभी कर्मचारी जीवीके कंपनी ने 2010 में नियुक्त किए थे। लेकिन उस कंपनी द्वारा इन्हें छंटनी भत्ता, ग्रेच्यूटी व अन्य भत्ते भी नहीं दिए हैं, जबकि स्वास्थ्य मिशन मूक दर्शक बना हुआ है। लेकिन इनका नियोक्ता कंपनी की ओर से लंबे समय से शोषण किया जा रहा है। इन कर्मचारियों को निर्धारित न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है और इनसे 12 घंटे डयूटी करवाई जाती है, लेकिन उसका ओवरटाईम कंपनी अदा नहीं करती है। हिमाचल हाईकोर्ट, लेबर कोर्ट, सीजीएम कोर्ट शिमला व श्रम कार्यालय के आदेशों के बावजूद इनका शोषण जारी है। यही नहीं जब कभी मज़दूर यूनियन के माध्यम से अपनी मांगो के लिए आवाज़ उठाते हैं तो उन्हें मानसिक रूप में प्रताड़ित किया जाता है। कर्मचारियों द्वारा पहले भी दो बार एक -एक दिन की हड़ताल की जा चुकी है। लेकिन उसके बाद भी कंपनी ने न्यूनतम वेतन औऱ ओवरटाईम अदा नहीं किया है। इसलिए इस बार दो दिन की हड़ताल की जा रही है।

सीटू ज़िला महासचिव राजेश शर्मा ने कहा कि यदि कंपनी द्वारा इन्हें सरकारी नियमानुसार वेतन, ओवरटाईम, सभी प्रकार की छुटियां, गाड़ी की मेंटीनेंस, इंश्यारेंस और कर्मचारियों की बीमारी के दौरान पूरा वेतन देने, हाईकोर्ट व श्रम विभाग के आदेशों, यूनियन नेताओं की प्रताड़ना की नीति को नहीं बदला तो यूनियन को अनिशिचतकालीन हड़ताल का निर्णय लेना पड़ेगा ।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

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