मार्च में होना था रिटायर, पहले ही बुझा घर का चिराग, घर लौट रहे आर्मी जवान की मौत

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मार्च में होना था रिटायर, पहले ही बुझा घर का चिराग, घर लौट रहे आर्मी जवान की मौत


मार्च में होना था रिटायर, पहले ही बुझा घर का चिराग, घर लौट रहे आर्मी जवान की मौत


ऊना, 16 दिसंबर (हि.स.)। हरोली के बालीवाल गांव का माहौल उस समय गमगीन हो गया, जब गांव के होनहार सपूत जवान हरविंद्र सिंह(35) की राजपुरा में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में मौत की खबर पहुंची। देश की सेवा में वर्षों तक समर्पित रहे हरविंद्र सिंह की आगामी मार्च माह में सेवानिवृत्ति होनी थी। परिवार और गांव इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन नियति ने उससे पहले ही सब कुछ छीन लिया।

बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले हरविंद्र सिंह के पिता गुरदेव सिंह भी एक सड़क हादसे में घायल हो गए थे। इकलौता बेटा होने के कारण पिता की हालत और उनकी देखभाल की चिंता उन्हें लगातार परेशान कर रही थी। मेरठ की इंजिनियरिंग 63 यूनिट में तैनात हरविंद्र सिंह अपनी निजी गाड़ी से घर लौट रहे थे, ताकि पिता के पास रहकर उनकी सेवा कर सकें। लेकिन रास्ते में शंभू बॉर्डर के समीप हुए हादसे ने उनकी जीवन यात्रा ही रोक दी।

हरविंद्र सिंह केवल एक फौजी ही नहीं, बल्कि परिवार की मजबूत ढाल और गांव के लिए गर्व का प्रतीक थे। रिटायरमेंट के बाद वे बुजुर्ग माता-पिता की सेवा करने और परिवार के साथ सुकून भरी जिंदगी जीने के सपने देख रहे थे। लेकिन एक पल में सब कुछ उजड़ गया। जैसे ही उनके शहीद होने की सूचना गांव पहुंची, हर आंख नम हो गई। घर में मातम पसरा है और गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। हरविंद्र सिंह का जाना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की अपूरणीय क्षति है। उनका बलिदान और कर्तव्यनिष्ठ जीवन हमेशा याद किया जाएगा। हरविंद्र अपने पीछे माता–पिता, पत्नी और दो छोटे बच्चे एक बेटा–बेटी को छोड़ गए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विकास कौंडल

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