हिमाचल में दो दिन आंधी, ओलावृष्टि और बिजली गिरने का येलो अलर्ट
शिमला, 21 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश व पहाड़ाें पर बर्फबारी से गर्मी से राहत मिली है। आगामी दो दिनों के दौरान भी प्रदेश में बारिश- ओलावृष्टि व आंधी चलने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक 22 व 23 अप्रैल को प्रदेश के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में आंधी, ओलावृष्टि व आसमानी बिजली गिरने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। 24 से 27 अप्रैल तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम खराब रहेगा। हालांकि इस दौरान किसी तरह का अलर्ट नहीं रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार सोमवार व मंगलवार को प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी जबकि निचले क्षेत्रों में ओलावृष्टि व वर्षा की संभावना है।
बारिश और बर्फबारी के कारण प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर तापमान के लुढ़कने की सम्भावना है। बीते 24 घण्टों में राज्य में कहीं भी बर्फबारी नहीं हुई। हालांकि कुछ क्षेत्रों में झमाझम वर्षा हुई है। सांगला में 19, कटोला में 11 पालमपुर में 10, शिलारू, हमीरपुर और कुफ़री में छह-छह मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
राजधानी शिमला सहित राज्य के अधिकतर हिस्सों में रविवार को मौसम साफ बना हुआ है। शिमला और अन्य पहाड़ी इलाकों में सुबह सर्दी बनी हुई है।
14 शहरों का न्यूनतम पारा सामान्य से नीचे
बीते 24 घंटे के दौरान राज्य के औसतन न्यूनतम तापमान में 0.5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। शिमला और मनाली सहित राज्य के 14 शहरों का न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चला गया है।
लाहौल स्पीति जिले के केलंग और कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान सबसे कम क्रमशः 0.6 डिग्री और 0.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा शिमला में न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री, सुंदरनगर में 11.7 डिग्री, भुंतर में 10.1 डिग्री, कल्पा में 3.4 डिग्री, धर्मशाला व ऊना में 15-15 डिग्री, नाहन में 17.9 डिग्री, पालमपुर में 11.7 डिग्री, सोलन में 11.3 डिग्री, मनाली में 5.3 डिग्री, कांगड़ा में 14.6 डिग्री, मंडी में 11.3 डिग्री, बिलासपुर में 14.3 डिग्री, हमीरपुर में 11.6 डिग्री, चंबा में 11.8 डिग्री, डलहौजी में 10.6 डिग्री, कुफरी में 9.8 डिग्री, नारकंडा में 7 डिग्री और सराहन में 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वर्षा-बर्फ़बारी जनित हादसों में 44 लोगों की गई जान
प्रदेश में पिछले करीब डेढ़ माह में वर्षा-बर्फबारी से जुड़ी घटनाओं में 43 लोगों की मौत हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार एक मार्च से 20 अप्रैल तक राज्य में भूस्खलन के कारण चार, हिमखंड से चार, पानी के बहाव में बहने से चार और फिसलने से 31 लोगों की मौत हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल
/सुनील
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