शिमला में टांकरी और संस्कृत सीखने का मौका, पांच अप्रैल तक मांगे आवेदन
शिमला, 2 अप्रैल (हि.स.)। राजधानी शिमला में प्राचीन भाषा, संस्कृति और हिमाचल के इतिहास के महत्वपूर्ण स्तंभ टांकरी भाषा को सीखने का सुनहरा अवसर मिलने जा रहा है। हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से इसके लिए त्रैमासिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। गेयटी थिएटर में प्रतिदिन शाम 5:30 बजे से 1 घंटे की कक्षा आयोजित की जाएगी। इच्छुक अभ्यर्थी पांच अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं।
भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित ने बताया कि विभाग द्वारा शिमला में संस्कृत और टांकरी लिपि पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जो 1 अप्रैल से 30 जून तक चलेगी। इसमें प्रतिभागी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जुड़ सकते हैं। कार्यशाला के माध्यम से संस्कृत और टांकरी लिपि का मूलभूत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस त्रैमासिक प्रशिक्षण शिविर के लिए 5 अप्रैल तक आवेदन किया जा सकता है।
इस कार्यशाला में संस्कृत विषय का प्रशिक्षण डॉ. मस्तराम शर्मा और टांकरी लिपि का प्रशिक्षण डॉ. किशोरी लाल चंदेल देंगे।
संस्कृत शिक्षक डॉ. मस्तराम शर्मा ने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से प्रतिभागियों को प्राचीन भाषा संस्कृत का गहरा ज्ञान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्व की सभी भाषाओं की जननी है और इसमें विभिन्न भाषाओं की झलक देखी जा सकती है। शिविर में विद्यार्थियों को संस्कृत पाठन और उच्चारण का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह प्रशिक्षण शिविर उन लोगों के लिए एक बेहतरीन अवसर होगा जो हिमाचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ना चाहते हैं और प्राचीन भाषाओं को सीखने के इच्छुक हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा