आपदाओं से रक्षा हेतु राजा का धार्मिक होना व गौ हत्या रोकना आवश्यक : जगद गुरु शंकराचार्य
सोलन, 25 अक्टूबर ( हि. स.) । राजा का धर्म होता है धार्मिक। अतः राजा अगर धार्मिक होगा तो समस्त विपदाओं - आपदाओं से मुक्ति मिलती है । हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष आई भारी आपदा का कारण धर्म के प्रति लोगों में घटती आस्था और धर्मिक स्थलों पर बढ़ते पाप हैं । यह कहना है जगद गुरु शंकराचार्य, भानुपुर पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ महाराज का जो सोलन के ओच्छघाट स्थित ज्वाला माता मंदिर के संस्थापक दण्डी स्वामी श्री कृष्ण देवाश्रम के ब्रह्मलीन होने के पश्चात श्रद्धांजलि देने बुधवार को यहां पहुंचे थे ।
स्वामी ने कहा कि हिमाचल देव भूमि है और यहां धार्मिक स्थलों का विकास होना आवश्यक है । लेकिन ऐसे स्थानों पर आकर धार्मिकता के नाम पर मौज मस्ती करना धर्म के विरुद्ध है । इसके साथ ही गौ वध हर हाल में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होना चाहिए । गौ रक्षा ही मात्र सभी प्रकार की आपत्तियों से निजात दिलाने का एक मात्र उपाय है । उनका कहना था कि जो गौ रक्षा की जो बात करेगा वही देश पर राज करेगा यानी देश या प्रदेश के राजा को गऊ रक्षा के लिए वचनबद्ध होना होगा ।
हमारे वेद पुराणों में वर्णन है कि तीर्थ स्थलों पर तीन दिन से अधिक निवास नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे ज्यादा निवास करने पर व्यक्ति को अनेकों प्रकार की वस्तुओं की आवश्यकता होती है । जिससे इंसान में पाप आचरण बढ़ता है । तीर्थ स्थलों पर जाने से मनुष्य के कई पापों का नाश होता है ।
जगतगुरु ज्ञानानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि हिमाचल के सोलन स्थित ओच्छघाट में माता ज्वाला मंदिर कृष्ण देवाश्रम महाराज की तपोस्थली है । इसलिए यहां का महत्व धार्मिक स्थल से कम नहीं है। 30 अक्टूबर को यहां ब्रह्मलीन स्वामी कृष्ण देवाश्रम महाराज का षोडश कर्म आयोजित किया जाना है।
हिन्दुस्थान समाचार / संदीप
/सुनील
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