हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के नतीजे को हाईकोर्ट में चुनौती, अभिषेक मनु सिंघवी ने दाखिल की याचिका
शिमला, 06 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर हुए राज्यसभा चुनाव में पर्ची के जरिये उम्मीदवार को विजेता घोषित करने पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल खड़े किए हैं। इसे लेकर उन्होंने शनिवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका के जरिये हाईकोर्ट में राज्यसभा चुनाव के नियमों की धारणा को चुनौती दी गई है।
दरअसल, अभिषेक मनु सिंघवी बीते दिनों हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार थे। इस चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशी को बराबर मत पड़े थे। इसके बाद पर्ची से भाजपा के हर्ष महाजन विजेता बने और अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई थी।
अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान एक समान मत पड़ने पर पर्ची जिस प्रत्याशी की निकलती है उसे हारा हुआ करार देना, यह धारणा कानूनी रूप से गलत है। आम तौर पर जिसका नाम निकलता है उसे जीतना चाहिए। ऐसे में अगर यह धारणा गलत है तो चुनाव परिणाम भी गलत है।
उन्होंने कहा कि कानून में ऐसा कोई नियम नहीं, इसलिए नियम की एक धारणा को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की याचिका दायर करने के लिए याचक को खुद कोर्ट आना पड़ता है, ऐसा नियम है। इसलिए उन्हें खुद हिमाचल हाईकोर्ट आना पड़ा है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में जब दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट प्राप्त हुए और बाद में जब लॉटरी सिस्टम से पर्ची से नाम निकाले गए तो उनका नाम निकला, लेकिन इस पर्ची सिस्टम में जिस तरह से उम्मीदवार को जीत मिली वह गलत है। जिस उम्मीदवार का नाम निकला वह हार जाए ऐसा कानून में कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन प्रचलन में जिसका नाम निकलता है वह जीतता है लेकिन राज्यसभा चुनाव में हुए लॉटरी सिस्टम में इसके उल्ट हुआ है जिसको हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
हिमाचल में 27 फरवरी को हुआ था राज्यसभा चुनाव, कांग्रेस के छह विधायकों और तीन निर्दलीयों ने की थी क्रॉस वोटिंग
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी को हुआ था। उस दौरान नौ विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से यह सीट भाजपा के खाते में चली गई। भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी को पराजित किया। 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 होने के कारण कांग्रेस उम्मीदवार की जीत निश्चित थी। लेकिन कांग्रेस के छह विधायकों औऱ तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट किया और दोनों दलों के उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिलने पर मामला अटक गया था। टाई होने के बाद लॉटरी सिस्टम से नाम निकाला गया जिसमें भाजपा के हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया गया। निर्वाचन आयोग ने इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया। अब लॉटरी सिस्टम की प्रक्रिया को अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।