श्री रेणुका जी झील पर प्रतिदिन आरती की पहल सराहनीयः राज्यपाल
शिमला, 05 नवंबर (हि.स.)। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बुधवार काे सिरमौर जिला के रेणुका जी में अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने पवित्र श्री रेणुका जी झील के देवघाट पर प्रतिदिन आरती के आयोजन की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने की इस परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु भक्तिभाव के साथ इस पवित्र स्थान पर आते हैं, यह अत्यंत प्रेरणादायक है। भगवान परशुराम की कृपा इस अटूट आस्था पर सदा बनी रहे।
उन्होंने आरती की नई परंपरा शुरू करने के लिए ज़िला प्रशासन और श्री रेणुका जी विकास बोर्ड की सराहना की और स्थानीय आश्रमवासियों से नियमित रूप से आरती करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि संस्कृति हमारी सबसे बड़ी विरासत है और इसका पालन और संरक्षण करके ही समाज वास्तव में समृद्ध हो सकता है। श्री रेणुका जी को हिमाचल प्रदेश के सबसे खूबसूरत तीर्थ स्थलों में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम जी और माता रेणुका जी के मिलन की सदियों पुरानी परंपरा आज भी श्रद्धालुओं के मन में बसी हुई हैं।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने भगवान परशुराम जी और माता रेणुका जी के मंदिरों में पूजा-अर्चना की और पारंपरिक देव विदाई समारोह में भाग लिया। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों, स्वयं सहायता समूहों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉलों का भी अवलोकन किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण के लिए अपने प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष और श्री रेणुका जी विकास बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार ने राज्यपाल का स्वागत और उन्हें सम्मानित किया।
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। राज्यपाल ने सर्वश्रेष्ठ विभागीय प्रदर्शनियों के लिए पुरस्कार भी वितरित किए। उद्योग विभाग ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि बागवानी विभाग दूसरे और कृषि विभाग तीसरे स्थान पर रहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

