विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में पूर्व विधायक आशीष शर्मा से शिमला पुलिस की कड़ी पूछताछ
शिमला, 11 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में कथित खरीद फरोख्त मामले और प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड्य़ंत्र रचने के मामले में
पूर्व निर्दलीय विधायक व हमीरपुर से भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा से शिमला पुलिस की एसआईटी कड़ी पूछताछ कर रही है। आशीष शर्मा गुरूवार को दोपहर करीब दो बजे बालूगंज पुलिस स्टेशन में हाजिर हुए।
तब से लेकर देर शाम तक उनसे पूछताछ का सिलसिला जारी रहा। आशीष शर्मा इससे पहले भी पुलिस स्टेशन में एसआईटी के सवालों का सामना कर चुके हैं। लेकिन यह पहली बार है कि एसआईटी की टीम ने आशीष शर्मा से घण्टों तक लंबी पूछताछ की है। आशीष शर्मा ने हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा है। पिछले कल ही उपचुनाव में मतदान हुआ है औऱ 13 जुलाई को उपचुनाव का परिणाम घोषित होगा। ऐसे में नतीजे से दो दिन पहले आशीष शर्मा से एसआईटी की पूछताछ ने सियासी माहौल को गरमा दिया है।
राज्यसभा चुनाव से जुड़े मामले की जांच कर रही एसआईटी ने शुक्रवार को पूर्व निर्दलीय विधायक चैतन्य शर्मा को भी पूछताछ के लिए तलब किया है। इसके अलावा एसआईटी ने कांग्रेस के चार बागी व पूर्व विधायकों सुजानपुर से राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो के अलावा हरियाणा के पूर्व सी.एम. के प्रचार सलाहकार तरुण भंडारी, पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी पिता राकेश शर्मा से भी पूछताछ करनी है। एसआईटी तरूण भंडारी, चैतन्य शर्मा व राकेश शर्मा, आशीष शर्मा से पहले भी पूछताछ कर चुकी है, लेकिन कईयों से पूछताछ करनी बाकि है, जिसके लिए उन्हें आगामी दिनों में थाने में तलब किया गया है। पूर्व निर्दलीय विधायकों के उत्तराखंड के होटलों में ठहरने और उनकी हवाई यात्राओं को लेकर हुए खर्च में जिनका लोगों का नाम सामने आ रहा है। उन्हें भी एसआईटी जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी कर चुकी है।
बता दें कि हमीरपुर से पूर्व विधायक व भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा से राज्यसभा चुनाव में खरीद फरोख्त मामले के आरोप लगे हैं। उत्तराखंड में गंगा स्नान सहित भाजपा नेताओं से बैठक की खर्च और भुगतान करने की जानकारी शिमला पुलिस ने जुटाई है। बताया जा रहा है कि कि करीब 30 लाख रुपये का खर्च किया गया है। ट्रैवल एजेंसी की जांच में पुलिस को कई अहम साक्षय मिले हैं।
दरअसल, हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 27 फरवरी को राज्यसभा सांसद के चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों के बागी होने का मामला सामने आया था। कांग्रेस के तत्कालीन छह विधायकों व निर्दलीय पूर्व तीन विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग की थी। इसका नतीजा यह निकला कि पूर्ण बहुमत के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो गए। कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ द्वारा 10 मार्च को बालूगंज थाने में पूर्व विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी राकेश शर्मा के खिलाफ भादंसं 171ई और 171सी, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 8 के तहत मामला दर्ज करवाया गया था। इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचा। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के बागी 6 और पूर्व निर्दलीय 3 विधायक करीब एक माह तक प्रदेश से बाहर रहे थे।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील शुक्ला
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