शानन बिजली परियोजना हिमाचल को मिले : शान्ता कुमार
शिमला, 1 मार्च (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि 1966 में हिमाचल पंजाब और हरियाणा के तीन प्रान्तों का पुनर्गठन हुआ था। इसके लिए लोक सभा में पुनर्गठन कानून बनाया गया था। उस कानून में यह स्पश्ट लिखा था पुनर्गठन के बाद सांझे पंजाब की जो सम्पत्ति जिस नये प्रदेश में होगी वह उसी को दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस पुनगर्ठन कानून के अनुसार 1966 में जोगिन्दरनगर की शानन बिजली परियोजना हिमाचल प्रदेश को नही सौंपी गई। हिमाचल उस समय केन्द्र सरकार के सामने जोर से अपनी बात नही रख सका और केन्द्र ने पजांब के दबाव में आकर हिमाचल के साथ एक बहुत बड़ा अन्याय किया। हिमाचल 1966 से इस अन्याय को बर्दाशत कर रहा है।
शान्ता कुमार ने कहा कि 1977 में हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने यह प्रश्न प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के पास उठाया था। मैंने यह भी कहा था कि पुनर्गठन कानून के साथ हिमाचल को चण्डीगढ तथा बिजली परियोजनाओं से पूरा हिस्सा नही मिल रहा है। उन्होंने तीन प्रदेशों के मुख्यमन्त्रियों की बैठक बुलाई थी। मैंने जब लोक सभा में पास किया गया 1966 का पुनर्गठन कानून सबसे सामने रखा तो किसी के पास कोई जबाव नही था। प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई हैरान हुए कि इतना बड़ा अन्याय क्यों किया गया । वह अन्याय पिछले 58 साल से आज भी हो रहा है।
उन्होंने कहा दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद हिमाचल से हजारों जन प्रतिनिधियों का एक हिमाचल अधिकार यात्रा लेकर दिल्ली गया था।
शान्ता कुमार ने कहा 1966 में यह बहाना बनाया गया था कि उस समय की मण्डी रियासात ने शानन परियोजना के लिए भूमि का लीज समझौता पंजाब सरकार से किया था इसलिए योजना पंजाब को दी गई।
उन्होंने कहा कि अब हिमाचल के साथ इस अन्याय को करने के लिए वह झूठा बहाना भी समाप्त हो गया। 1925 में की गई वह लीज भी समाप्त हो रही है। उन्होंने हिमाचल के सभी नेताओं से विषेश आग्रह किया किसब नेता दलबदल के कीचड़ से बाहर निकल कर हिमाचल का यह अधिकर प्राप्त करने के लिए सघंर्श करें।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील/उज्जवल
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।